झांसी/दतिया। रानी लक्ष्मी में बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी के दतिया परिसर स्थित मात्स्यिकी महाविद्यालय में विश्व मात्स्यिकी दिवस एवं बुंदेलखंड क्षेत्र में सतत् जलीय कृषि विकास के लिए किसान-वैज्ञानिक संवाद का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड (NFDB), हैदराबाद द्वारा वित्तपोषित है । इसकी मुख्य थीम बुंदेलखंड क्षेत्र में सतत् जलीय कृषि विकास के लिए किसान वैज्ञानिक संवाद है। समन्वयक, डॉ. एसएस सिंह और मनमोहन डोबरियाल, आयोजन सचिव डॉ. अनुज त्यागी, सह -आयोजन सचिव डॉ. तनुज मिश्रा, डॉ. सुधांशु रमन, डॉ. नीलेश कुमार, गणेश कुमार, तकनीकी सहायक सत्य नारायण परिदा,चरण सिंह कुशवाहा रहे है। कार्यक्रम का शुभारंभ 21 नवंबर को दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। डॉ. एमजे डोबरियाल, अधिष्ठाता, मात्स्यिकी महाविद्यालय ने स्वागत भाषण दिया। डॉ. अनुज त्यागी ने विश्व मात्स्यिकी दिवस की प्रासंगिकता और इसकी उपयोगिता पर जानकारी दी। कुलपति रानी लक्ष्मी बाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय डॉ अशोक कुमार सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी मत्स्य किसानों को एकीकृत मछली पालन करने और मछली का आहार में महत्व पर अवगत कराया। डॉ. एसके चतुर्वेदी, निदेशक – शोध, डॉ अनिल कुमार, निदेशक शिक्षा, डॉ. वीपी सिंह, अधिष्ठाता, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, डॉ आरके सिंह, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, डॉ मनीष श्रीवास्तव बागवानी एवं वानिकी महाविद्यालय उपस्थित रहे। तकनीकी सत्र के दौरान उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग के पूर्व उपनिदेशक डॉ. संजय शुक्लाने बुंदेलखंड क्षेत्र में सतत् मछली पालन पर व्याख्यान दिया। राजेश पाठक, सहायक मत्स्य निदेशक, दतिया, मत्स्य विभाग, मध्य प्रदेश ने सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। कृषि विज्ञान केंद्र, टीकमगढ़ और शिवपुरी से आए वैज्ञानिकों, डॉ. सतेंद्र कुमार, डॉ. लक्ष्मी, योगेश चंद्र रिखारी, और प्रगतिशील मछली किसान – गुलाब सिंह रायकवार ने मछली पालन के व्यावसायिक पहलुओं और प्रबंधन तकनीकों पर मार्गदर्शन दिया। इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड के मत्स्य किसानों ने बड़ी संख्या में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस अवसर पर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया और विश्वविद्यालय स्तर पर समूह प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, मत्स्य जागरूकता प्रतियोगिता एवं पोस्टर बनाने की प्रतियोगिता का आयोजन करके विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। सफल संचालन डॉ. गिरिजा सौरभ बेहेरे ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव एवं पार्थ सारथी त्रिपाठी द्वारा प्रस्तुत किया गया। यह आयोजन मछली किसानों को आधुनिक और लाभकारी मछली पालन तकनीकों से अवगत कराने और क्षेत्रीय स्तर पर मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रभावशाली कदम साबित हुआ।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






