झांसी। हीरोज ग्राउंड हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की कर्मस्थली माना जाता है। यह दद्दा मैदान में अभ्यास किया करते थे। खेल से सन्यास लेने के बाद इसी मैदान पर वह नवोदित खिलाड़ियों को हॉकी की बारीकियां सिखाते थे। इसी मैदान पर मेजर ध्यान चंद्र की समाधि है। खेल सुविधा के नाम पर मैदान में सिर्फ चारों ओर चाहर दिवारी थी। इसी का कायाकल्प करने के लिए शासन के निर्देशों पर जेडीए द्वारा दो वर्ष पूर्व दो करोड़ 27 लाख कीमत से इसका कायाकल्प कराया गया था। लेकिन शासन की मंशा के मुताबिक इसका कार्य सही ढंग से नही हुआ। दो वर्ष में ही वॉकिंग पथ और सात लाख कीमत से लगी सिलेक्शन वन घास जमीन से उखड़ कर बिखर गई। जगह जगह पानी भरा हुआ है, जो इस कार्य में हुए घोटाले भ्रष्टाचार को चीख चीख कर उजागर कर रहा। देश के लिए खेलने वाले झांसी का नाम देश विदेश में रोशन करने वाले हॉकी के जादूगर के नाम पर जेडीए द्वारा किए गए इस भ्रष्टाचार से खेल प्रेमियों में काफी नाराजगी भरी हुई है। इस मैदान में आने वाले खेल प्रेमी दद्दा द्वारा देश को दिए गए योगदान और जेडीए द्वारा उनके नाम पर किए गए भ्रष्टाचार को देख काफी मायूस है। यहां आने वाले खेल प्रेमियों ने एक समिति का गठन किया है, ओर इसी समिति के माध्यम से इस भ्रष्टाचार को उजगार कर दद्दा के मैदान का कायाकल्प सही कराएंगे। हीरोज क्रीड़ा स्थली समिति के अध्यक्ष मनीष पाठक, रितेश शर्मा उपाध्यक्ष ने जानकारी देते हुए बताया कि जेडीए द्वारा इस मैदान का कायाकल्प दो वर्ष पूर्व शासन के दो करोड़ 27 लाख के कोष से कराया था। इस कायाकल्प में उन्होंने बताया कि भ्रष्टाचार के चलते नियमों को ताक पर रखकर कायाकल्प किया था। जिसके चलते आज यहां लगे वॉकिंग पथ और सिलेक्शन वन घास उखड़ कर बरवाद हो गई जगह जगह पूरे मैदान में पानी भर चुका है। समिति के सदस्यों और पदाधिकारियों ने इस पूरे प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाए और हॉकी के जादूगर का मान सम्मान रखते हुए इस मैदान का कायाकल्प दोबारा कराया जाए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






