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पाँच किसानों को कुलपति ने किया सम्मानित, नीबू वर्गीय फलों का उत्पादन बढ़ाने और लाभदायक बनाने के लिए हुई परिचर्चा

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झाँसी। रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विवि, झाँसी में “सतत विकास के लिए पुनर्जीवी कृषि” के विषय पर आयोजित उत्तर क्षेत्रीय किसान मेला एवं प्रदर्शनी में आज द्वितीय दिवस पर किसानों की लगी भीड़। आज शुक्रबार के दिन विभिन्न ग्रामों से आए किसानों ने मेले में लगे स्टाॅल, बागवानी एवं श्रीअन्न से बने विभिन्न ब्यंजनों, पशुपालन आदि स्टालों का किसानों ने भ्रमण कर जानकारियां प्राप्त कीं। मुख्य पंडाल में कृषि और संबंधित क्षेत्रों पर अनुभव सांझा करना विषय पर प्रथम तकनीकी सत्र आयोजित हुआ। इसकी अध्यक्षता आयुक्त झाँसी मण्डल झाँसी, डाॅ. आदर्श सिंह ने की सह अध्यक्ष कुलपति बांदा कृषि विश्वविद्यालय, डाॅ. नरेन्द्र प्रताप सिंह, भारतीय किसान संघ के मोहनी मोहन मिश्रा, दीनदयाल शोध संस्थान के अतुल जैन रहे। कार्यक्रम संयोजक निदेशक शोध डाॅ. सुशील कुमार चतुर्वेदी ने उपस्थित सभी अतिथियों एवं पदम्श्री किसानों का स्वागत परिचय कराया। पदम्श्री किसानों ने अपनी सफलता की कहानी को सांझा किया। इसी कार्यक्रम में दो नवोन्वेषी कृषक योगेश रघुवंशी, विशाल कटरे ने भी अपने अनुभव सांझा किए। अध्यक्षीय संबोधन में आयुक्त डाॅ. आदर्श सिंह ने कहा कि किसान विवि द्वारा किए जा रहे कृषक कार्यों का निरीक्षण अवश्य करें इससे आपको नई – नई तकनीकों की जानकारियां प्राप्त होंगी। बुुंदेलखण्ड के किसान खेती में बहुत अधिक श्रम करते हैं। लेकिन वैज्ञानिक तकनीकों की जानकारी न होने के कारण अधिक लाभ नहीं उठा पाते हैं। इस मेले से आप लोग तकनीकी ज्ञान अपनाकर अपनी आय बढ़ाएं। कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने मण्डालयुक्त सहित पद्मश्री किसानों एवं श्यामस्वरूप गौतम, गोपाल सिंह नई दिल्ली, डुंडा सिंह, दर्शन कुमार जम्मू, संजय कुमार, रूपलाल हिमाचल प्रदेश, जकतार सिंह, भूपेन्द्र सिंह पंजाब के किसानों को बुंदेली अंगवस्त्र, राम दरबार प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया। पदम्श्री किसानों में कबल सिंह चैहान, रामरत्न वर्मा, सेठपाल सिंह, उमाशंकर पाण्डे, चन्द्रशेखर सिंह रहे। इन्होंने विभिन्न उपयोगी जानकारी किसानों को दी। सहअध्यक्ष भारतीय किसान संघ के मोहनी मोहन मिश्रा ने कहा कि पदम्श्री सम्मान की बड़ी जिम्मेदारी भी है। आज देश के सभी व्यापारी किसानों पर ही निर्भर हैं। किसान बीज, दवाई, जुताई तथा अन्य खर्चों में दवा जा रहा है। उन्होंने आवाहन किया कि किसानों को ऐसा बीज उपलब्ध कराएं कि किसान बाजार न जाए। किसान का बीज किसान का हो, कोराना काल में किसानों का ही सहारा देश को रहा है। मण्डलायुक्त, पदम्श्री किसानों सहित आए हुए सभी अतिथियों ने मेला परिसर में लगे स्टाॅल एवं मधुमक्खी पालन इकाई का भ्रमण किया। संचालन डॉ आर्तिका सिंह एवं आभार डाॅ. आशीष कुमार गुप्ता ने व्यक्त किया। अन्त में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अन्र्तगत श्याम जादूगर द्वारा विभिन्न जादू के करतब दिखाकर किसानों का मनमोहा। नीबू वर्गीय फलों का उत्पादन बढ़ाने और लाभदायक बनाने के लिए कृषि महाविद्यालय के बहुउद्धेशीय हाॅल में कार्यक्रम आयोजित हुआ। इसकी अध्यक्षता निदेशक राष्ट्रीय नींबू अनुसंधान संस्थान, नागपुर डाॅ. दिलीप घोष एवं कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी, झाँसी अविनाश कुमार आईएएस, मुख्य विकास अधिकारी झाँसी जुनैद अहमद आईएएस रहे। कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष उद्यानिकी डाॅ. गौरव शर्मा ने कहा कि यह आयोजन उद्यानिकी विभाग जनपद झाँसी एवं कृषि विवि के संयुक्त तत्त्वाधान में आयोजित किया गया। इसका उद्धेश्य नीबूवर्गीय खेती में किसानों को धनबान बनाना है। जिलाधिकारी झाँसी अविनाश कुमार ने आए हुए किसान, उद्योगपति एवं वैज्ञानिकों सहित सभी का स्वागत करते हुए कहा कि बुंदेलखण्ड में नींबूवर्गीय फसलों की असीम संभावनाएं हैं। यहां पर नीबूवर्गीय खेती को बढ़ाना है। किसानों को कई बार खेती में अधिक उत्पादन होते हुए भी नुकसान उठाना पड़ता है। उसका मुख्य कारण है उनको बाजार न मिलना। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्धेश्य नींबूवर्गीय फसलों से किसानों को जोड़ना इससे उनको लाभ मिल सके। जनपद झाँसी में रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विवि, झाँसी के कुलपति के नेतृत्व में इसको बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। सरकार कई पोलिशी, एमएसपी, किसानों के लिए बनाई हैं लेकिन किसान उनका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। आज इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ भी हैं, वैज्ञानिक भी हैं किसान भी हैं और बाहर से आए उद्योगपति भी हैं। आज इस परिचर्चा में जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसको हम धरातल पर उतारेंगे। कृषि में अभी बहुत बड़े बदलाव भी संभावनाएं हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से भी अनुरोध किया कि जो आप प्रयोग विवि में कर रहे हैं वह प्रयोग किसानों के खेत पर भी करने का प्रयास करें। कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम की पूर्ण पहल जिलाधिकारी की है। कृषि विवि में इस नींबूवर्गीय प्रयोग का अच्छा लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि यहां के वैज्ञानिकों से कहा दिया गया है कि आपके प्रयोग किसानों के खेत तक अवश्य पहुॅचे एवं कुछ किसानों का चयन कर उनके खेत पर माॅडल स्थापित करें। इसमें कुछ व्यापारी वर्ग भी जुड़ना चाहते है। झाँसी में किए जा रहे नीबूवर्गीय फलों के उत्पादन बढ़ाने में हमारी संस्थान की जो भी आवश्यकता होगी वह मदद की जाएगी। इसमें फल वैज्ञानिकों ने विभिन्न तकनीकी जानकारियां दीं। इस मौके पर केएस पाटिल जैन, प्रवीण शैलक,े पवन महोरूत, मुनेश त्यागी, डाॅ. संगीता, डाॅ. एसके कटियार, डाॅ. वीपी सिंह, डाॅ. दर्शन कदम, डाॅ. नरेश मेशरम, भाईजू गंगाधरम लूलूमाॅल ने विविध जानकारियां दीं। इस मेले में श्री अन्नों से बने पकवानों एवं उनके प्रसंस्करणों का भी प्रदर्शन हो रहा है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागी जैसे की होटल शेफ, गृहणियाँ, शेल्फ हेल्प ग्रुप, एफपीओ, छात्र एवं छात्रायें सम्मिलित हुए हैं। विश्वविद्यालय झाँसी और कृषि विभाग जनपद झाँसी, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में श्री अन्न प्रशिक्षण एवं पकवान प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया तथा लगभग अन्नों से बने 150 मिष्ठानो एवं व्यंजनों को प्रदर्शित किया। होटल जैसे नटराज सरोवर, लेमन ट्री, के 3 रेजीडेंसी, ग्रैंड तुलसी से आये शैफ इस प्रदर्शनी का खास आकर्षण रहे। नटराज सरोवर होटल के मशहूर शैफ विवेक बहादुर सम्मिलित हुए और उन्होंने ने अन्नों से बनी शुशी भी प्रदर्शित की। इसमें विभिन्न श्रेणियों के मिष्ठान, नाश्ता, भोजन में श्रीमति रोली गुप्ता, श्रीमति रजनी गुप्ता, डॉ कटियार, गुरमीत सिंह, मुकेश कुमार, डॉ प्रतिभा, डॉ संजय, श्रीमती तारा सिंह ने अन्नों की निर्णायक मण्डली के रूप में प्रतिभाग लिया। इसमें बुंदेली थाली, अन्न आधारित थाली एवं ज्वार रसगुल्ला, रागी आइसक्रीम मुख्य आकर्षण रहे। इसमें डॉ अनिल कुमार, निदेशक शिक्षा और बुन्देलखंड विश्वविद्यालय के छात्रों, डॉ मनमोहन डोबरियाल, डॉ गौरव शर्मा, डॉ अश्वनी कुमार, डॉ अमन डबराल, डॉ रूमाना खान और डॉ घनश्याम अबरोल ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी भूमिका निभाई। आज मंडलायुक्त डॉ. आदर्श सिंह सहित कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह एवं पदम्श्री किसानों ने भी भ्रमण किया और प्रदर्शित व्यंजनों का स्वाद चखा और बहुत प्रशंसा की। आज के विभिन्न कार्यक्रमों में निदेशक प्रसार शिक्षा, डाॅ. एसएस सिंह, निदेशक शोध, डाॅ एसके चतुर्वेदी, निदेशक शिक्षा, डाॅ. अनिल कुमार, अधिष्ठाता कृषि, डाॅ. आरके सिंह, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डाॅ वीपी सिंह, अधिष्ठाता मत्स्य डाॅ. वीके बेहेरा, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डाॅ मनमोहन डोवरयाल, कुलसचिव डाॅ. मुकेश श्रीवास्तव, पुस्तकालयाध्यक्ष डाॅ. एसएस कुशवाह सहित सभी वैज्ञानिकों ने अपनी सहभागिता दी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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