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दलित का अपहरण कर हत्या करने के आरोप में अजीवन कारावास की सजा, गवाह के मुकरने के बाद भी लोक अभियोजक की ठोस पैरवी पर सुनाया फैसला

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झांसी। शुक्रवार को एससी एसटी कोर्ट ने दलित का अपहरण कर हत्या करने के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा ओर दस हजार रुपए जुर्माना का अर्थदंड का फैसला सुनाया है। इस मामले में सभी गवाह के मुकरने के बाद भी न्यायालय ने बरामद गले की रस्सी का फंदा और लोक अभियोजक की ठोस पैरवी को मुख्य आधार मानते हुए सजा का फैसला सुनाया है।लोक अभियोजक की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता केशवेंद प्रताप, कपिल करोलिया ने जानकारी देते हुए बताया की 29 जनवरी 2009 को नन्नू कोरी ने थाना सीपरी बाजार में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया की उसके पुत्र नत्थू कोरी को दीपक और सुदामा अपने साथ बाइक से बैठा कर ले गए। इसके बाद उसका पुत्र घर नही आया। जब अगले दिन नन्नू ने दीपक ओर सुदामा से अपने पुत्र के बारे में पूछा तो वह आना कानी करने लगे। जब वह मध्य प्रदेश के जिला दतिया सीतापुर पहुंचा तो वहां के गांव के लोगों ने जानकारी देते हुए बताया की तुम्हारे लड़के दीपक की हत्या करके शव को सिमर्धा बांध में फेंक दिया है। यह सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर आरोपी दलित का अपहरण कर हत्या करने के आरोप में अजीवन कारावास की सजा, गवाह के मुकरने के बाद झांसी। शुक्रवार को एससी एसटी कोर्ट ने दलित का अपहरण कर हत्या करने के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा ओर दस हजार रुपए जुर्माना का अर्थदंड का फैसला सुनाया है।लोक अभियोजक की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता केशवेंद प्रताप, कपिल करोलिया ने जानकारी देते हुए बताया की 29 जनवरी 2009 को नन्नू कोरी ने थाना सीपरी बाजार में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया की उसके पुत्र नत्थू कोरी को दीपक और सुदामा अपने साथ बाइक से बैठा कर ले गए। इसके बाद उसका पुत्र घर नही आया। जब अगले दिन नन्नू ने दीपक ओर सुदामा से अपने पुत्र के बारे में पूछा तो वह आना कानी करने लगे। जब वह मध्य प्रदेश के जिला दतिया सीतापुर पहुंचा तो वहां के गांव के लोगों ने जानकारी देते हुए बताया की तुम्हारे लड़के दीपक की हत्या करके शव को सिमर्धा बांध में फेंक दिया है। यह सूचना उसने पुलिस को दी। पुलिस ने अभियोग पंजीकृत कर शव बरामद करते हुए गले में पड़ी रस्सी फंदा बरामद कर आरोपी दीपक और सुदामा को जेल भेजते हुए न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस मामले न्यायालय में सुनवाई के दौरान सभी गवाह मुकर गए। लेकिन लोक अभियोक की ठोस पैरवी और बरामद गले का रस्सी का फंदा को आधार मानते हुए न्यायालय ने आरोपी दीपक को आजीवन कारावास की सजा ओर दस हजार रुपए अर्थदंड का फैसला सुनाया है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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