झांसी। आज जिला पंचायत अध्यक्ष श्री पवन गौतम एवं माननीय उपाध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान हरगोविंद कुशवाहा जी की गरिमामय उपस्थिति में भारत रत्न बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती की जयंती के अवसर पर समारोह का आयोजन विकास भवन सभागार में किया गया। इसके साथ ही तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी एवं विकासखंड स्तर पर खंड विकास अधिकारियों की अध्यक्षता में अंबेडकर जयंती का आयोजन किया गया। विकास भवन सभागार में आयोजित जयंती में सर्वप्रथम उपस्थित अतिथियों द्वारा बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। विकास भवन में आयोजित अंबेडकर जयंती के अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष पवन कुमार गौतम ने अपने संबोधन में कहा कि डाॅ. भीमराव अंबेडकर जिन्हें डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म दिन 14 अप्रैल को पर्व के रूप में भारत समेत पूरे विश्व में मनाया जाता है। इस दिन को ‘समानता दिवस’ और ‘ज्ञान दिवस’ के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंंकि जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले अम्बेडकर को समानता और ज्ञान के प्रतीक माना जाता है। अम्बेडकर को विश्व भर में उनके मानवाधिकार आंदोलन संविधान निर्माता और उनकी प्रकांड विद्वता के लिए भी जाना जाता है और यह दिवस उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब के विचारों का अनुसरण जिन लोगों ने किया है, उन्होंने समाज में अपनी एक विशेष छवि बनाई है। बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के नाम पर वर्तमान सरकार द्वारा देश के अलग-अलग स्थानों पर सुंदर उपवन बनाए जा रहे हैं जिससे इन स्थलों पर जाकर पर्यटक बाबा साहब के जीवन एवं उनके विचारों को जान सकें। उन्होंने कहा कि हम सभी को बाबा साहब के विचारों का अनुसरण करना चाहिए। इस अवसर पर उपाध्यक्ष अंतरराष्ट्रीय बौद्ध संस्थान हरगोविंद कुशवाहा ने कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी एक सामान्य परिवार से रहे। उन्होंने तत्कालीन परिस्थितियों में समाज को एक नई दिशा की ओर ले जाने का कार्य किया। खाकी बाबा साहब को 9 भाषाओं का ज्ञान था। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे संविधान की रचना की, जिसने समाज एवं देश को एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया। बाबा साहब ने हमें सत्य को सत्य एवं असत्य को असत्य कहने की प्रेरणा प्रदान की है इसलिए हम सभी को सदैव उनके विचारों एवं ज्ञान का अनुसरण करना चाहिए। कार्यक्रम में उपायुक्त मनरेगा राम अवतार सिंह ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा प्रतिवर्ष बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की जयंती इसी प्रकार मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि बाबा साहब का जन्म महू जिले के एक सामान्य परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम राम एवं माता का नाम श्रीमती भीमाबाई था। बाबा साहब ने शिक्षा को अपना अस्त्र बनाकर तत्कालीन परिस्थितियों में समाज को एक नई दिशा प्रदान करने का कार्य किया। बाबा साहब ने कहा था कि “शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पिएगा वह दहाड़ेगा।” इसलिए सभी अभिभावक अपने बच्चों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दें जिससे वह गंभीरतापूर्वक इस अस्त्र को धारण करते हुए समाज में सराहनीय कार्य कर अपने देश का नाम उन्नत कर सकें। समारोह में वरिष्ठ पत्रकार मोहन नेपाली ने बाबा साहब के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी बाबा साहब की जयंती जनपद में मनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि अंबेडकर साहब ने संविधान निर्माण के साथ-साथ समता मूलक समाज के निर्माण में भी विशेष योगदान प्रदान किया। आज के समय में युवा वर्ग को बाबा साहब के विचारों से प्रेरणा लेते हुए शिक्षा को अपने लक्ष्य का एक अहम अस्त्र मानते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए। कार्यक्रम में एकीकरण का समिति के सदस्य श्रीमती दीपशिखा शर्मा एवं प्रगति शर्मा के द्वारा भी अपने विचार प्रस्तुत किए गए। जयंती के अवसर पर जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक ओ0पी0 सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी श्रीमती नीलम यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी नरेंद्र सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी बिपिन कुमार, डॉक्टर नीति शास्त्री, एकीकरण समिति के सदस्य सहित विकास भवन के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






