July 27, 2024

गैर इरादतन हत्या का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश , कक्ष संख्या – 2 विजय कुमार वर्मा- प्रथम की अदालत में तीन अभियुक्तों को दस- दस वर्ष के कारावास की सज़ा सुनाई गई है।

झांसी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल के अनुसार विगत २९ जनवरी २०११ को राजेन्द्र पुत्र किशुन अहिरवार, भानु प्रताप उर्फ हल्के लला पुत्रकन्हैया लाल अहिरवार निवासी अम्बेडकर नगर एरच वादी श्यामलाल‌ के पुत्र को घर से बुलाकर ले गये थे। रात्रि ९. ०० बजे तक घर वापस न आने पर उसकी तलाश की गई। इसके बाद फोन पर बात की, जिसने बताया कि हम लोग पूँछ बस से हैं। मोबाइल पर ऐसा महसूस हुआ कि इन लोगों का आपस में कुछ वाद-विवाद चल रहा था। उसके बार-बार कारण पूंछने पर फोन काट दिया गया। इसके बाद कोई भी जानकारी नहीं मिल सकी। ३१ जनवरी २०११ को प्रातः समाचार पत्र में अज्ञात शव पूँछ में मिलने की खबर पढ़कर उसने अनहोनी की आशंका के चलते थाना पूँछ में जाकर सम्पर्क किया। शव की फोटो देखकर पता चला कि यह उसके पुत्र विनोद कुमार की है। उक्त चारों व्यक्तियों ने ही उसके पुत्र की हत्या कर शव को सुनसान जगह फेंक दिया। श्याम लाल की तहरीर के आधार पर धारा- ३६४, ३०२ भा०द०सं० के तहत अभियुक्त राजेन्द्र, अजय, रवि एवं भानु प्रताप उर्फ हल्के के विरूद्ध मुकदमा पंजीकृत कियागया।मामले की विवेचना उपरांत धारा- ३०२ भा०दं० सं० में आरोप पत्र विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया ।जहां अभियुक्त रवि की पत्रावली बाल अपचारी घोषित होने के कारण पृथक करते हुए विचारण हेतु किशोर न्याय बोर्ड को प्रेषित कर दी गई थी। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्त राजेन्द्र, अजय एवं भानू प्रताप उर्फ हल्के लला को धारा-३०४ भा्दसं० के अपराध में १०- १० वर्ष के सश्रम कारावास एवं २०- २० हजार ‌(बीस-बीस हजार) रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड का भुगतान न किये जाने पर १- १ वर्ष के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई। अर्थदण्ड की कुल धनराशि में से ७५ प्रतिशत धनराशि पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में प्रदान किये जाने का आदेश भी न्यायालय द्वारा दिया गया है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

ये भी देखें