July 27, 2024

शोशल मीडिया कोई मजाक नही, आपकी छोटी सी गलती नुकसान पहुंचा सकती है

झांसी। लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध की रोकथाम करने ओर साइबर अपराधी से कैसे बचा जाए इसके लिए आयोजित की गई साइबर जागरूकता कार्यशाला में व्यापारियों, पुलिस ओर स्कूल कोलेज के बच्चों को जागरूक किया गया। कार्यशाला में बताया गया की सबसे ज्यादा छात्र छात्राएं, व्यापारी आम जनता शोशल मीडिया के जरिए साइबर अपराधियों का शिकार हो रहे है। साइबर एक्सपर्ट ने बताया शोशल मीडिया कोई मजाक नही आपकी छोटी सी गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। इसलिए सतर्क रहे सुरक्षित रहे। उन्होंने बताया की साइबर अपराधी सबसे ज्यादा महिलाओ युवतियों और बच्चों को अपना शिकार बनाते है। क्योंकि वह उन्हे प्रलोभन देकर अपने जाल में फसा कर सारी गोपनीय जानकारी और मोबाइल पर आए ओटीपी नंबर लेकर खाते से रुपए चोरी कर लेते है।शुक्रवार को दीनदयाल सभागार में साइबर अपराध से बचाव की कार्यशाला आयोजित की गई।

इस कार्यशाला का शुभारंभ डीआईजी जोगेंद्र सिंह, एसएसपी शिवहरि मीना ने दीप प्रव्जलित कर किया। कार्यशाला को संबोधित करने आए साइबर एक्सपर्ट रक्षित टंडन ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए छात्र छात्राओं व व्यापारियों को साइबर अपराध से बचने के सबसे पहले बताया की शोशल मीडिया कोई मजाक नही है, आपकी छोटी सी गलती आपको बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया की जैसे आज कल युवतियों को फर्जी आईडी के माध्यम से गलत लोग लड़कियों के नाम से या अन्य किसी नाम से फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज कर आपसे दोस्ती करते है, फिर आपसे फोटो मांगते है फिर उसी फोटो को वह साइबर अपराधी लड़कियों छात्राओं युवतियों महिलाओ को ब्लैकमेल करना शुरू कर देते है, यही हाल छात्रों युवकों के साथ होता है लड़कियों के नाम से फर्जी आईडी से संपर्क करने पर आप साइबर अपराधी के शिकार हो जाते है। उन्होंने कहा की यह शोशल मीडिया है, कोई मजाक नही आप किसी को भी अपनी प्राइवेसी न बताए। क्योंकि वह साइबर अपराधी लड़का या लड़की बनकर आपकी गोपनीय फोटो वीडियो आदि उपलब्ध कराकर आपको ब्लैक मेल करना शुरू करता है। आपके निजी डेटा मिलने के बाद साइबर अपराधी सक्सेज हो जाते है। साइबर अपराधी महिलाओं बच्चों, युवतियों को तरह तरह के गेम मोबाइल पर भेज कर, लाखो का लोन दिलाने, लग्जरी गाडियां जितने जैसे प्रलोभन देकर आपकी मोबाइल से डेटा और आपकी प्राइवेसी लेकर आपके साथ साइबर अपराध करते है। बच्चों को गेम खेलने के लिए मोबाइल देने से पहले अपनी सारी प्राइवेसी लोक कर दे क्योंकि हैकर्स सबसे ज्यादा बच्चों को गेम खिलाने और प्रलोभन गाडियां, रुपए जीतने जैसे बताकर उन्हे एक पिन कोड देते है और उनसे वह ओटीपी नंबर लेकर आपको अपना शिकार बना लेते है। इसी प्रकार उन्होंने व्यापारियों को बताया की आज कल सारा व्यापार चाहे छोटा हो या बड़ा हो सभी व्यापार कंप्यूटर से चल रहा है। इसी के चलते हैकर्स व्यापारियों को उन्ही की एक गलती पर उन्हे साइबर ठगी का शिकार बना लेते है। उन्होंने कहा इन सब चीजों से बचने के लिए कंप्यूटर को समय पर साफ सफाई करते रहे ओर गलत वतन नही दबाए साथ ही हाई जील का उपयोग करे। वही उन्होंने बताया यह साइबर अपराध एटीएम, फेस बुक, बैंकिंग प्राइवेसी गोपनीय रखे इसे सार्वजनिक न करे। वही उन्होंने पुलिस कर्मियों को भी साइबर अपराधियों को कैसे पकड़ा जाए और कैसे साइबर अपराध की विवेचना करना है, इसकी जानकारी पुलिस कर्मियों को दी। इस दौरान एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी, एसपी देहात नेपाल सिंह सहित समस्त क्षेत्राधिकारी पुलिस कर्मियों के साथ समाज सेविका डॉक्टर नीति शास्त्री, व्यापारी नेता संजय पटवारी, व्यापारी नेता संतोष साहू, व्यापारी नेता पंकज शुक्ला, सहित कई व्यापारी और स्कूल कोलेज के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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