झांसी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने अवगत कराया है कि चूहों से विभिन्न प्रकार के खतरनाक रोग जैसे- प्लेग टाइफस लेप्टोस्पाइरोसिस इत्यादि रोग फैलते है इसका नियंत्रण करना अति आवश्यक है। जनपद मे संचारी रोग नियंत्रण अभियान 2 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलाया जा रहा है इस अभियान के तहत चूहा नियंत्रण का कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है।नियन्त्रण के उपाय चूहे की निगरानी एक जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत से नियन्त्रण का साप्ताहिक कार्यक्रम निम्न प्रकार समूहिक रूप से किया जाये तो अधिक सफलता मिलती हैपहला दिन- खेत की निगरानी करे तथा जितने चूहे के बिल है उसे बन्द करते हुए पहचान हेतु लकड़ी के डन्डे गाड़ दे। दूसरा दिन खेत में जाकर बिल की निगरानी करे जो बिल बन्द हो वहां से गढ़े हुए उन्हें हटा दे जहा पर दिल खुल गये हो यहा पर उन्डे गड़े रहने दे खुले बिल में एक भाग सरसो का तेल एवं 46 भाग भुने हुए चाने का बिना जहर का बना हुआ चारा बिल में रखे। तीसरा दिन- बिल की पुनः निगरानी करे तथा दिना जहर का बना हुआ चारा पुनः बिल में रखे।चौथा दिन- जिंक फास्फाइड 80 प्रतिशत की एक ग्राम मात्रा को एक ग्राम सरसों का तेल एव 48 ग्राम भुने हुए दाने में जहरीले चारे का प्रयोग करें।पांचवा दिन- बिल को पुनः बन्द कर दे तथा मरे हुए पूही को जमीन में खोदकर दवा दे ।छठा दिन- बिल को पुनः बन्द कर दे तथा अगले दिन यदि चिल खुल जाये तो इस साप्ताहिक कार्यक्रम को पुनः अपनाये। 2- ग्रोमोडियोलोन 0.005 प्रतिशत के बनाये चारे की 10 ग्राम मात्रा को प्रत्येक जिन्दा बिल में रखना चाहिए इससे चूहा 3-4 बार खाने के बाद मरता है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा
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