July 27, 2024

प्राण घातक हमले से सभी दोष मुक्त, विवेचक और मुकदमा वादी के खिलाफ कार्यवाही के आदेश

झांसी। भले ही सांठगांठ से फर्जी मुकदमे दर्ज कराकर निर्दोष को सलाखों की पीछे भिजवाना देना यह न्याय नहीं होता। व्यक्ति को असली न्याय न्यायालय से ही मिलता है। इसलिए आम जन मानस आज भी न्यायालय पर भरोसा रखते है। आज अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत ने यह साबित कर दिया की सत्य परेशान हो सकता है लेकिन हार नही सकता। प्राण घातक हमले के आरोप में जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद न्यायालय पर भरोसा जताकर मुकदमा लड़ रहे मुकदमे में आरोपी बनाए बनाए गए सभी लोगों को संदेह का लाभ देते हुए दोष मुक्त कर दिया। वही न्यायालय ने विवेचक और मुकदमा वादी के खिलाफ कार्यवाही के लिए एसएसपी और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। यह जानकारी आरोपियों की ओर मुकदमा की पैरवी कर रहे अधिवक्ता विवेक वाजपेई ने विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कीन्यायालय अपर / एन्टी . भी द्वितीय झांसी विमल प्रकाश आर्य के न्यायालय में विचार्धिश प्रकरण सत्र क्रमांक 34 / 2015- सरकार विरुभैय्यान आदि धारा 308 , 504 , 506 भा.द.वि थाना बरुआसागर मुकदमा अपराध संख्या 174/2011 में अभियुक्तगण , भैभन इस्लाम उर्फ मुन्ना, सन्नी पुत्रगण यासीन निवासी कस्बा समथर जिला झांसी व पुत्र यामीन निवासी अंबेडकर नगर नगर पालिका के पास थाना बरुआसागर आदि को संन्देह का लाम देते हुए दोष मुक्त किया गया | ज्ञात हो कि वर्ष 2011 में साई ढाबा बरुआसागर में उपरोक्त अभियुक्तगण के विरूद्धउक्त प्रकरण के वादी मुकदमा मोहम्मद रफीक ने दिनांक 24/10/2011 की घटना कहते हुए दिनांक 25/10/2011 को समय रात्रि 12:30 बजे इस आशय की प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उक्त ढाबे की साझेदारी को लेकर मोहम्म नफीश ने अभियुक्तगणों से हिंसाब मांगा तो उन्होने हिसाब देने से इंकार कर दिया तो सभी अभियुक्तगणों ने गाली गलोच करते हुये लोहे की छड व कलघर से नफीस के साथ मारपीट की भारपीट से नफीस के सर में एक गंभीर चोट लगने व हाथ पैरों में चोटे आने से लहुलुहान हो गया था उक्त और बेहोश हो गया था अभियुक्तगण जान से खत्म कर देने की धमकी देकर भाग गये थे डॉक्टर के आधार पर मुकदमा की विवेचना के उपरान्त विवेचक द्वारा अभियुक्त गणों के विरुद्ध आरोप पर प्रस्तुत किया गया| अभियोजन की और से दौरान विचारण मुकदमा साक्ष्य प्रस्तुत किए गए । साक्षियों के परिक्षण व बहस के उपरांत न्यायालय ने आज सभी अभियुक्तगणो को सन्देह का लाम देते हुए दोष मुक्त किया है। साक्ष्य रफीक के विरुद्ध भी झूठी गवाही देने पर अन्तर्गत धारा 344 Cr.PC में पृथक प्रकीण वाद दर्ज किये जाने का आदेश पारित किया एवं उपरोक्त प्रकरण में विवेचक द्वारा विवेचना में अपने कत्वर्थों में लापरवाही कारित करने पर विवेचक के विरुढ वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक झाँसी को पत्र प्रेषित किये जाने वा उसकी एक प्रति पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ को प्रेषित किए जाने का आदेश पारित किया है उक्त प्रकरण में अभियुक्तगण की और से पैरवी विवेक कुमार बाजपेयी एडवोकेट , श्रद्धा यादव एडवोकेट व ऋरंतु हंस एडवोकेट ने की ।

रिपोर – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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