झांसी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने अवगत कराया है कि किसानों को इस समय मौसम में उतार चढाव देखते हुए सावधान रहने की जरूरत है। सरसों-राई मे माहू कीट की रोकथाम हेतु एजाडिरेक्टिन 0.15 प्रतिशत ई०सी० को 2.5 लीटर मात्रा को 500-600 लीटर पानी मे छिड़काव करें। सरसों-राई मे अल्टरनेरिया पत्ती धब्बा, सफेद गेरूई रोग की रोकथाम हेतु मैंकोजेब 75 प्रतिशत डब्लू० पी० की 2 किग्रा० मात्रा प्रति हैक्टेयर की दर से 600-750 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें। चना-मटर मे फली बेधक कीट के नियंत्रण हेतु खेतो मे बर्ड पर्चर का प्रयोग करे। चना-मटर मे पत्ती धब्बा एवं तुलासिता रोग की रोकथाम हेतु कॉपर आक्सीक्लोराइड 50 प्रतिशत को 3 किग्रा० मात्रा प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग करे। आलू की फसल में पछेती झुलसा के रोकथाम हेतु जिनेब 75 प्रतिशत डब्लू० पी० की 2 किग्रा० मात्रा प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग करे। गेहूँ मे पीला रतुआ के प्रकोप हेतु 6-18 डिग्री सेन्टीग्रेट तापमान एवं 90 प्रतिशत से अधिक आर्द्रता के साथ बाहलीयुक्त मौसम अनुकूल होता है। इस रोग का प्रकोप जनवरी फरवरी माह मे दिखाई देता है। इसकी रोकथाम हेतु प्रोपीकोनाजोल 0.1 प्रतिशत का प्रयोग करना चाहिए। फसलो को रोग / कीट आदि की समस्या के समाधान हेतु व्हाटसअप नम्बर 9452247111 अथवा 9452257111 पर अपनी समस्या भेजकर निःशुल्क सलाह ले सकते है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा
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