July 27, 2024

आर्थिक सहायता की मांग के लिए पहुंची महिला को संदीप सरावगी का विकल्प दिया

झांसी। उत्तर प्रदेश सरकार भले ही पैसे के अभाव में शिक्षा कमजोर न हो हर घर शिक्षा पहुंचे इस उद्देश्य से कितना भी गरीब असहाय लोगों को शिक्षा के लिए प्रेरित करे लेकिन जेवरात से ज्यादा महंगी हो रही शिक्षा के चलते गरीब और असहाय लोग फीस जमा न कर पाने के चक्कर में शिक्षा से वंचित हो रहे। ऐसा ही एक प्रकरण गत दिवस मुख्य मंत्री के आगमन पर प्रकाश में आया जहां एक महिला मेडिकल कोलेज में सीएम के मौजूद होने की सूचना पर हाथ में कोलेज से बच्चे का नाम कटने का मिला नोटिस लेकर दौड़ी दौड़ी आई लेकिन उसकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नही हो सकी वह अगले कार्यक्रम के लिए निकल चुके थे। लेकिन वहां मौजूद प्रशासनिक अमला और मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने महिला की बात सुनकर उसे सलाह दी की वह समाज सेवी संदीप सरावगी से मिले। संदीप सरावगी झांसी जनपद के बड़े समाजसेवी है। उनका नाम सामने आने से लगता है क्या सरकार की ओर से गरीब को शिक्षा ग्रहण करने का मौका नहीं मिलेगा।गुरसराय के पाएगा निवासी महिला नीलम अहिरवार ने मुख्यमंत्री के आगमन पर मेडिकल कोलेज पहुंच कर बताया की वह मुख्य मंत्री जी से मिलना चाहती है क्योंकि उसके पुत्र ने सैनिक स्कूल में परीक्षा दी थी तो वह पास हो गया और उसका एडमिशन सैनिक स्कूल में हो गया। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति खराब है, वह स्कूल की फीस जमा करने में असमर्थ है, स्कूल वालों ने पंद्रह दिन में फीस जमा न करने पर उसका नाम काटने की चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया है। महिला की बात सुनकर वहां मौजूद प्रशासनिक और मेडिकल कोलेज के प्रशासन ने महिला का प्रार्थना पत्र लिया और वही उसे समाजसेवी संदीप सरावगी के पास पहुंचने ओर उनसे मदद लेने की सलाह दे दी। अगर गौर किया जाए तो प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार दोनो ही हर बच्चे को शिक्षा मिले और पैसों के अभाव में शिक्षा कमजोर न हो इसके लिए लगातार प्रयासरत है। जिस प्रकार एक अधिकारी ने वहां समाजसेवी संदीप सरावगी से मदद लेने की बात कही इसे सुनकर आस पास मौजूद कुछ लोगों ने कहा सर वह तो समाज सेवी है, वह तो मदद कर ही देंगे। लेकिन सरकार जो योजना चला रही कम से कम इस गरीब मजदूर को उस योजना या सरकार से जो उम्मीद लगा कर आई उसकी सहायता तो हो। वही इस पूरे प्रकरण को संदीप सरावगी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने कहा की अगर उन अधिकारियों को लगता है की सरकार की ओर से पीड़ित की कोई मदद नहीं हो पाएगी और संदीप सरावगी उसकी मदद कर सकता है तो मेरे दरवाजे पीड़ित के लिए खुले है, हमारी संस्था से जो मदद होगी हर करेंगे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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