लखनऊ। यूपी सरकार ने नया आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश का आशय सिर्फ इतना है की थाना जाने वाले फरियादियों को थानेदार समय पर थाने में ही मिले साथ ही क्षेत्राधिकारी भी अपने कार्यालय में समय पर उपस्थित होकर कार्य कर सके। साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने डीजीपी को निर्देश दिए है की वह जनपद के पुलिस कप्तानों से प्रमाण पत्र ले की उनके थानेदार और क्षेत्राधिकारी थाना और अपने सर्किल में ही सरकारी अथवा किराए का मकान लेकर रह रहे है। सभी थानाध्यक्ष व सीओ अपने थाने/सर्किल में ही निवास करें। सरकारी आवास उपलब्ध न हो तो किराए पर आवास ले,पर अपने थाने/ सर्किल में ही निवासस्थान बनाये। जनपदों में तैनात थानाध्यक्षों / पुलिस उपाधीक्षकों द्वारा तैनाती क्षेत्र के मुख्यालय पर निवास किये जाने के संबंध में । उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी ने डीजीपी को लिखे पत्र में बताया की उपर्युक्त विषय के संबंध में शासन के संज्ञान में आया है कि कतिपय जनपदों में तैनात थानाध्यक्ष / पुलिस उपाधीक्षक अपने तैनाती क्षेत्र थाना मुख्यालय / सर्किल मुख्यालय पर निवास न कर जिला मुख्यालय अथवा अन्य स्थानों से प्रतिदिन आते – जाते हैं । इससे जहाँ एक ओर बहुमूल्य समय नष्ट होकर शासकीय उत्तरदायित्वों का सम्यक् निर्वहन नहीं होता है तथा आकस्मिकता की स्थिति में तत्काल कार्यवाही नहीं हो पाती है , वहीं दूसरी ओर आम जनमानस को संबंधित अधिकारी के तैनाती के स्थल पर उपलब्ध न होने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है । शासन द्वारा यह अपेक्षा की गयी है कि पुलिस थानाध्यक्ष / पुलिस क्षेत्राधिकारी अपनी तैनाती क्षेत्र के थाना मुख्यालय / सर्किल मुख्यालय पर ही निवास करना सुनिश्चित करें । 2 . अतः इस संबंध में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि कृपया समस्त थानाध्यक्षों / पुलिस उपाधीक्षकों को निर्देशित करने का कष्ट करें कि वह अपने थाना मुख्यालय / सर्किल मुख्यालय पर ही निवास करना सुनिश्चित करें । यदि तैनाती के थाना मुख्यालय / सर्किल मुख्यालय पर सरकारी आवास उपलब्ध न हो तो किराये के आवास में निवास करना सुनिश्चित करें । 3 . कृपया उक्त आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का कष्ट करें । संबंधित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक से इस आशय का प्रमाण पत्र प्राप्त करें कि उनके जनपद के अन्तर्गत समस्त थानाध्यक्ष तथा पुलिस क्षेत्राधिकारी अपने थाना मुख्यालय / सर्किल मुख्यालय पर ही निवास कर रहे हैं । प्रथम अनुपालन आख्या 01 सप्ताह में शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें । तत्पश्चात प्रतिमाह इस आशय की अनुपालन आख्या शासन को उपलब्ध कराने का कष्ट करें ।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा
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