July 27, 2024

‘अवैध कब्जे का मामला’ मण्डलायुक्त के चक्रव्यूह में ऐसे फंस रहे लोग!

झांसी। मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय ने झाँसी मण्डल में कार्यभार ग्रहण करने के बाद से ही अवैध कब्जेधारियों पर नकेल कसनी शुरू कर दी थी। इसी कड़ी में मण्डलायुक्त द्वारा दिनांक 20-7-2021 को मण्डल के तीनों जिलाधिकारियों को पत्र निर्गत करके यह निर्देश दिये थे कि हर गांव में कठोर संदेश भेज दिया जाय कि दोनों प्रकार के अवैध कब्जों (सरकारी / काश्तकार की भूमि पर) को शीघ्र अवैध कब्जेदार स्वेच्छा से कब्जा मुक्त कर दें। एक पक्ष के बाद ऐसे अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय। इसके अतिरिक्त लेखपालों को यह निर्देश दिये गये थे कि अपने-अपने क्षेत्र के अवैध कब्जेदारों की सूची भेजे गये प्रारूप पर तैयार कर सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा करें और उसकी एक प्रति सम्बन्धित थाना, ब्लाक पर भी चस्पा की जाय। इस प्रमाण पत्र की जांच / सत्यापन क्षेत्रीय राजस्व निरीक्षक / तहसीलदार द्वारा सत्यापित करने एवं उपजिलाधिकारी द्वारा सत्यापन की जांच करने हेतु निर्देश निर्गत किये गये थे। भविष्य में यदि सूचना गलत पायी जाती है तो लेखपाल से लेकर उपजिलाधिकारी तक के अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही करने की हिदायत दी गयी थी।

आखिर क्यों मण्डलायुक्त को उत्तरदायी कर्मियों के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश देने पड़े?

दिनांक 08-4-2022 को महन्त विश्राम दास तेरो भाई त्यागी श्री श्री 1008 प्राचीन रामजानकी मन्दिर ग्राम मादौन कपासी तहसील पाली जिला ललितपुर एवं ब्रजेन्द्र मिश्रा, श्रीमती क्रान्ति अहिरवार, श्री ज्वाला प्रसाद एवं श्री सी०पी० तिवारी, निवासीगण जिला झाँसी द्वारा कहा गया कि उनकी भूमि पर अवैध कब्जेदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है किन्तु कोई सार्थक कार्यवाही नहीं हो रही है।

जनपद स्तर से भेजी गयी सूची में उपरोक्त व्यक्तियों के नाम न पाये जाने पर शिकायत स्वतः प्रमाणित होने पर उत्तरदायी कर्मचारियों / अधिकारियों के विरूद्ध दिये विभागीय कार्यवाही करने के निर्देश।
मण्डलायुक्त ने दिये कि अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ आई०पी०सी० की धारा 447 के साथ ही साथ The public premises (Eviction of unauthorised occupants) Act 1971 के तहत भी कार्यवाही की जायेगी।
अवैध कब्जेदारों के विरूद्ध मण्डलायुक्त का रूख सदैव कठोर रहा है।

जनपद ललितपुर के महन्त विश्राम दास तेरो भाई त्यागी श्री 1008 प्राचीन रामजानकी मन्दिर ग्राम मादौन कपासी तहसील पाली द्वारा दिनांक 08-4-2022 को एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर यह अवगत कराया गया कि मन्दिर की 20 एकड़ भूमि पर अवैध कब्जेदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है। उक्त शिकायत प्राप्त होने पर मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय द्वारा जिलाधिकारी ललितपुर द्वारा भेजी गयी सत्यापन रिपोर्ट दिनांक 16-B-2021 एवं 31-8-2021 में भेजे गये अवैध कब्जेदारों की सूची का स्वयं सत्यापन किया, जिसमें प्रश्नगत शिकायत का इन्द्राज न पाये जाने पर गहरी नाराजगी जाहिर करते हुये जिलाधिकारी, ललितपुर को पत्र निर्गत किया है कि पूर्व में भेजी गयी सूची का अध्ययन करने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा जानबूझकर उपरोक्त शिकायत का अंकन नहीं किया गया है, जो गम्भीर प्रकृति का है। साथ ही जिलाधिकारी, ललितपुर को निर्देश दिये गये कि इस बिन्दु की भी जांच करायी जाये कि इन अवैध कब्जा / कब्जेदारों का उल्लेख पूर्व प्रेषित सूची में किस कारण नहीं किया गया है, यदि इसमें किसी कर्मचारी की मिलीभगत हो तो उसके विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की जाय।

इसी प्रकार जनपद झाँसी के निम्न व्यक्तियों द्वारा दिनांक 08-4-2022 को प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया गया है कि उनकी एवं सरकारी जमीन पर अवैध कब्जेदारों द्वारा कब्जा कर लिया गया है किन्तु तहसील स्तर से कोई सार्थक कार्यवाही नहीं की गयी है
1 ब्रजेन्द्र मिश्रा, निवासी भेल, झाँसी।
2 श्रीमती क्रान्ति अहिरवार, पत्नी रमेश चन्द्र, निवासी ग्राम पीतमपुरा तहसील झॉसी
3-श्री ज्वाला प्रसाद पुत्र ढड़कोले चमार निवासी ग्राम मोड़कला तहसील मोठ
4- सी०पी० तिवारी, निवासी आई०टी०आई० के पास, झाँसी।
उक्त शिकायत प्राप्त होने पर मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय द्वारा जिलाधिकारी झाँसी द्वारा भेजी गयी सत्यापन रिपोर्ट दिनांक 27-8-2021 में भेजे गये अवैध कब्जेदारों की सूची का स्वयं सत्यापन किया, जिसमें प्रश्नगत शिकायत का इन्द्राज न पाये जाने पर रोष प्रकट करते हुये जिलाधिकारी झाँसी को पत्र निर्गत किया है कि पूर्व में भेजी गयी सूची का अध्ययन करने के बाद यह प्रतीत हो रहा है कि सम्बन्धित कर्मचारी द्वारा जानबूझकर उपरोक्त शिकायत का अंकन नहीं किया गया है, जो गम्भीर प्रकृति का है एवं आपत्तिजनक है साथ ही जिलाधिकारी, झाँसी को निर्देश दिये गये कि इस बिन्दु की भी जांच करायी जाये कि इन अवैध कब्जा / कब्जेदारों का उल्लेख पूर्व प्रेषित सूची में किस कारण नहीं किया गया है, यदि इसमें किसी कर्मचारी की मिलीभगत हो तो उसके विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्यवाही की जाय।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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