July 27, 2024

दंगाइयों से निपटने को हर तरीके से पुलिस निपटने को तैयार

एसएसपी ने पुलिस कर्मियों को दंगा नियंत्रण का प्रशिक्षण कराया

झांसी। मतगणना के दौरान अगर किसी ने भी उपद्रव मचाने या दंगा फैलाने की कोशिश की तो पुलिस उससे हर प्रकार से निपटने को पूरी तरह तैयार हो गई है। अश्रु गैस, सीसीटीवी, अत्याधुनिक असलाह सहित बुलेट प्रूफ जैकेट सहित सभी उपकरणों के साथ पुलिस तैयार हो गई है। आगामी विधानसभा निर्वाचन-2022 की दिनांक 10-03-2022 को होने वाली मतगणना को शांतिपूर्वक, निष्पक्ष व सकुशल सम्पन्न कराने के उद्देश्य से आज दिनांक 09-03-2022 को जिलाधिकारी झांसी रविन्द्र कुमार एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक झाँसी शिवहरी मीना महोदय के कुशल निर्देशन एवं नेतृत्व में भोजला मंडी के खाली पड़े ग्राउंड में “दंगा नियंत्रण ड्रिल” के प्रशिक्षण एवं अभ्यास का आयोजन किया गया। उक्त ड्रिल के दौरान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने स्वयं भी विभिन्न शस्त्रों एवं दंगा नियंत्रण उपकरणों के संचालन के साथ का परीक्षण किया गया। पुलिस अधीक्षक नगर, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, समस्त क्षेत्राधिकारीगण, समस्त थाना प्रभारी, प्रतिसार निरीक्षक, मतगणना ड्यूटी में लगा समस्त पुलिस फोर्स व रिक्रुट आरक्षी सहित लगभग 1500 अधिकारी/कर्मचारीगण द्वारा सभी दंगा नियंत्रण उपकरणो से सुसज्जित होकर विभिन्न टीमें बनाकर दंगा नियत्रंण हेतु अमल में लाये जाने वाले सभी विधिक प्रावधानों एवं टैक्टिस का क्रमवार अभ्यास किया गया तथा बताया गया कि सदैव मानसिक एवं शारीरिक रूप से तत्पर रहें एवं दंगा निंयत्रण के समस्त उपकरण सक्रिय दशा में सदैव अपने साथ रखे। आज भोजला मंडी के खाली पड़े मैदान में “दंगा नियंत्रण ड्रिल” के अभ्यास के दौरान विभिन्न पार्टियाँ बनायीं गयी जिसमें 1- स्थानीय अभिसूचना इकाई पार्टी 2- नागरिक पुलिस (सिविल पुलिस), 3- घुड़सवार पार्टी 4- फायर सर्विस पार्टी 5- अश्रु गैस पार्टी 6- लाठी पार्टी 7- फायरिंग पार्टी 8- रिजर्व पार्टी 9- फर्स्ट एड पार्टी एवं 10- वीडियो ग्राफी पार्टी तथा बलवाई (दंगाई) पार्टी को बनाया गया तथा क्रमवार तरीके से रिहर्सल करते हुए बलवाई पार्टी को समझाने के उपरांत न मानने पर दंगा के दौरान न्यूनतम बल प्रयोग करते हुए विधिक प्रावधानों को समझाया गया एवं सभी प्रकार के उपकरणों का समस्त क्षेत्राधिकारियों एवं समस्त थाना प्रभारियों से चलवाकर अभ्यास कराया गया। इस दौरान एन्टी राइड गन का प्रयोग भीड़ को तितर वितर करते किया जाता है जिसमें प्लास्टिक पैलेट जो चार हिस्सों में खुलता है आवाज के साथ गोली लगने का अहसास कराता है। इसके अतिरिक्त 303 ब्लैंक कारतूस का प्रयोग किया जाता है। दुसरे नंबर पर अश्रु गैस (टियर गैस) जिसका दो प्रकार टियर सेल व रबर बुलेट के रूप में प्रयोग किया जाता है। टियर सेल हवा के रुख के अनुरूप प्रयोग किया जाता है तथा रबर बुलेट का प्रयोग दंगाइयों से पहले जमीन कर 50 मीटर की अधिक दूरी होने किया जाता है जिससे सीधे दंगाइयों को न लगकर जमीन पर लगने बाद लगे । इसके उपरांत 04 प्रकार के ग्रेनेट चिली ग्रनेड, स्टेन ग्रनेड, सीएस-टीएस ग्रनेड, ड्राई मारकर आदि का प्रयोग किया गया। चिली ग्रनेड का प्रयोग करने पर आखों में मिर्ची लगना व शरीर में खुजली पैदा करता है । स्टेन ग्रनेड जोकि धुएं के साथ तीव्र आवाज पैदा करता है, सीएस-टीएस ग्रनेड के धुएं से शरीर में खुजली पैदा करता है । ड्राई मारकर ग्रनेड का प्रयोग गली कूंचों में दंगाइयों को चिन्हित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, इसके प्रयोग से करने पर कलर निकट है जो दंगाइयों को लगने पर उनकी पहचान की जाती है । इसके उपरांत 12 बोर पम्प एक्शन गन का प्रयोग दंगाइयों को हल्का चोटिल करने के उद्देश्य से किया जाता है । इसके बाद घुड़सवार पुलिस पार्टी द्वारा दंगाईयों को तितर वितर करना, फायर सर्विस के पार्टी द्वारा मौसम के अनुकूल पानी का प्रयोग करना, फायर पार्टी द्वारा परिस्थिति के अनुरूप कार्य करना, रिजर्व पार्टी तथा फस्ट एड पार्टी द्वारा घायल दंगाइयों अथवा पुलिस पार्टी का प्राथमिक उपचार करना एवं वीडियो ग्राफी आदि टीमों द्वारा घटना क्रम की वीडियो रिकाडिंग आदि सभी का क्रमवार तरीके से प्रशिक्षण एवं अभ्यास कराया गया ।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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