July 27, 2024

अकेला अकेले ही चले थे, मजीलें मिलती गई कारवां बढ़ता गया

झांसी। रामकिशन अकेला अकेले ही चले थे मंजिले मिलती गई कारवां बढ़ता गया।जी हां हम बात कर रहे है झांसी के मान्यता प्राप्त पत्रकार रामकिशन अकेला जो खुशीपुरा नवाबाद क्षेत्र में निवास करते है। उनकी आज आयु 65 वर्ष हो चुकी। राम किशन अकेला 1972 से पत्रकारिता क्षेत्र में आए और आज उन्हे 40 वर्ष से अधिक हो चुके पत्रकारिता क्षेत्र में। इस दौरान उन्होंने देनिक जागरण में 79 से 80 वर्ष तक कार्य किया। इसके बाद उन्होंने समाज और निर्धनों को न्याय दिलाने के लिए कर्म युग प्रकाश उरई जालौन का समाचार पत्र लेकर झांसी के ब्यूरो चीफ बनकर कार्य कर रहे। पत्रकारिता के क्षेत्र में आने का उनका आने का कारण उन्होंने बताया की वह गरीब परिवार से थे। शिक्षा एम ए हिंदी, एलएल बी, एम ए इतिहास है। पत्रकारिता में आने का उद्देश्य गरीब मजलूमों की आवाज उठाने ही उद्देश्य था। उनका कहना है की जो गरीब हालत उन्होंने देखे है वह गरीबों के हालात जानते है। वह भी इस समस्या से न गुजरे इसलिए गरीब मेजलुमो की आवाज उठाने के लिए पत्रकारिता कर रहे। राम किशन अकेला कहते है की उन्होंने अपना अखबार अकेले ही चलाया है और आज भी अकेले ही चला रहे। वह अपने नाम के आगे अकेला इसलिए लिख रहे थे क्योंकि उस समय अनुसूचित जाति को लेकर घृणा की जाती थी। तभी से उन्होंने अपने नाम के आगे अकेला लिखते हुए अकेले ही आगे बढ़े और उन्हे लगातार मंजिले मिलती रही। वर्तमान में अकेला जी का एक पुत्र है जो उत्तर प्रदेश पुलिस में जिला कारागार में तैनात है। फिलहाल अब अकेला जी का परिवार सुख समृद्धि से चल रहा लेकिन वह आज भी अकेले ही लोगों को न्याय दिलाने के लिए लगातार अखबार के माध्यम से उनकी आवाज ऊंचाइयों तक पहुंचा कर न्याय दिलाने का कार्य कर रहे है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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