भाजपा की तैयार की गई चुनाव समिति में 19 चेहरे जातिगत समीकरणों को साधते हुए नजर आ रहे हैं। इसमें आठ पिछड़े और अति पिछड़े शामिल हैं। जिसमें जाट, कुर्मी, मौर्य, लोध, शाक्य और मछुआ समेत अन्य पिछड़ी बिरादरियों का प्रतिनिधित्व शामिल किया गया है,जो कि समिति का 42 फीसदी हिस्सा हैं…
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जातिगत समीकरणों को साधते हुए भारतीय जनता पार्टी किस आधार पर टिकटों का बंटवारा करेगी, इसे पार्टी ने अपनी चुनाव समिति में शामिल किए गए चेहरों के जरिए साफ कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो भाजपा ओबीसी चेहरों पर दांव लगाएगी। इसके अलावा कुछ नए चेहरे भी हो सकते हैं। पार्टी ने चुनाव समिति में इसी जातिगत समीकरणों को साधते हुए पूरा खाका तैयार किया है।
चुनाव समिति में 19 चेहरे
बीते दिनों भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए तैयार की गई भाजपा की चुनाव समिति में आगामी चुनावों की पूरी तैयारियां नजर आ रही हैं। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक पार्टी ने चुनाव समिति को इस तरीके से बनाया है जिससे सभी जातियों को साधा जा सके। राजनीतिक विशेषज्ञ जीडी शुक्ला कहते हैं कि अगर आप भाजपा की तैयार की गई चुनाव समिति के सभी सदस्यों को देखेंगे तो उसमें 19 चेहरे जातिगत समीकरणों को साधते हुए नजर आ रहे हैं। वह कहते हैं इसमें आठ पिछड़े और अति पिछड़े शामिल हैं। जिसमें जाट, कुर्मी, मौर्य, लोध, शाक्य और मछुआ समेत अन्य पिछड़ी बिरादरियों का प्रतिनिधित्व शामिल किया गया है। जो कि समिति का 42 फीसदी हिस्सा हैं। इसी समिति में तीन दलित चेहरे भी हैं और तीन ब्राह्मणों के अलावा दो वैश्य चेहरे भी हैं। शुक्ला कहते हैं, अगर चुनाव समिति का जातिगत समीकरणों के माध्यम से अध्ययन करेंगे तो भाजपा की टिकट देने की तस्वीर बहुत हद तक साफ हो जाती है।
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