July 27, 2024

व्यापारी के माता पिता की अभी आग की राख ठंडी नहीं हुई की व्यापारियों के ठेकेदारों और नेताओ ने खूब बजाई तालिया

झांसी। जान की बाजी लगाकर किसी की जान बचाना बहुत बड़ा पुण्य का कार्य होता है, लेकिन इसी बीच किसी की जान चली जाए तो वह खुशियां मातम में बदल जाती है। जी हां हम बात कर रहे है गत दिनों कोतवाली इलाके में हुई वस्त्रालय भंडार में आगजनी की घटना में व्यापारी के पिता और माता की जान चली गई, फिलहाल जान की बाजी लगाकर जांबाज लोगों ने और खाकी ने सात लोगों को जिंदा बचा लिया। परिवार के जो सात लोग बचे उन्हे अपने जिंदा रहने से ज्यादा दुख परिवार के दो सदस्य की जान चले जाने का है। अभी व्यापारी के मृतक माता पिता की आग की राख पूरी तरह ठंडी भी नही हुई की हमेशा मीडिया की सुर्खियां में रहने ओर अखबार समाचार पत्रों में छपास रोग का कार्य करने वाले नेता और व्यापारियों के ठेकेदारों ने जमकर तालियां बटोरी साथ ही अखबार मीडिया में फोटो वीडियो प्रकाशित होने के लिए एक के आगे एक आने की होड़ लगी रही। यहां तालिया बज रही वहां उस परिवार पर क्या गुजर रही इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता। हम खबर के माध्यम से उन जांबाजों की जांबाजी का विरोध नही कर रहे हम अपनी खबर के माध्यम से उन्हे सेल्यूट करते है, लेकिन हमारा उद्देश्य सिर्फ एक गमगीन माहौल में बड़ा समारोह आयोजित कर तालिया बजाना और मीडिया की सुर्खियां बनना कहा तक ठीक है।शुक्रवार को चित्रा चौराहा स्थित एक बड़े होटल में आयोजित किए गए सम्मान समारोह में नेता, व्यापार मंडल के पदाधिकारी, सर्राफा बाजार के पदाधिकारी तथा सिविल डिफेंस के कार्यकर्ता मौजूद रहे। इस समारोह में जान की बाजी लगाने वालों का सम्मान किया गया, समारोह के शुरू से लेकर अंत तक यह महसूस नहीं हुआ कि जिस घटना को लेकर यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया उसमे एक व्यापारी के माता पिता की जान चली गई। पूरे समारोह में जमकर तालियां बजती रही मनचासिन छपास लोगों ने एक दूसरे का जमकर अभिनंदन बदन किया। किसी ने उस परिवार में दो जान खोए जाने का गम महसूस नही किया। व्यापार मंडल की बात करे तो व्यापारियों के साथ छोटी छोटी समस्याएं होने पर अखबार मीडिया में बड़ा ढिंढोरा पीटने वाले भी अपने व्यापारी भाई के घर हुई दो दो मौतों को भुला कर सम्मान समारोह को एक जश्न की तरह मनाते देखे गए। मालूम हो की दो दिन पूर्व कोतवाली इलाके में नरिया बाजार में पूनम व्स्त्रालय में भीषड़ आग लगने से दो लोगों की जान चली गई थी जिसमे सात लोगों को पुलिस व क्षेत्र के रहने वाले तीन जांबाज युवकों ने अपनी जान हथेली पर रखकर उनकी जान बचाई थी। तालिया की गड़गड़ाहट के बीच हुए इस सम्मान समारोह में उन लोगों ने भी अपने सर पर पगड़ी ओर गले में हार माला पहन कर फोटो वीडियो मीडिया के लिए बन वाई जिनका इस घटना से दूर दूर तक वास्ता नहीं, जब तक वह नींद से जागे होंगे तब तक वहा आग पर पुलिस ने काबू पा लिया था। इस खबर का उद्देश्य किसी की भावनाओ को ठेस पहुंचाना नहीं बल्कि उस पीड़ित व्यापारी के परिवार को शोक संवेदनाओं को व्यक्त करने का था। सादर प्रेषित माफी सहित।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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