झांसी। जिला कृषि रक्षा अधिकारी विवेक कुमार ने अवगत कराया है कि बीज शोधन / भूमि शोधन अभियान वर्ष 2022-23 के अन्तर्गत खरीफ मे गुणवत्ता युक्त उत्पादन प्राप्त करने हेतु अपनी मृदा एंव बीज को अवश्य शोधित करें। बीज शोधन / भूमि शोधन द्वारा फसलो को विभिन्न प्रकार से क्षति पहुचाने वाले प्रमुख कीट दीमक सफेद गिडार, सूत्रकृमि, लेपीडोप्टेरस एंव गुजिया आदि कीट एंव फफूदी / जीवाणु जनित रोगो जैसे झुलसा / पत्ती धारी रोग ब्लाइट उकठा मेल्डयू आदि प्रमुख कीट / रोग हैं। भूमि शोधन हेतु जैविक रसायन व्युवेरिया वेसियाना 2.5 किग्रा० / हे0, एंव ट्राइकोडर्मा 2.5 किग्रा०/ हे0 जैव को 50-60 किग्रा० सड़ी गोबर की खाद में मिलाकर एक सप्ताह तक छाया में रखे और बीच-बीच में पानी का छिड़काव करते रहे। अन्तिम जुताई के समय खेत की मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें एंव बीज शोधन हेतु ट्राइकोडर्मा 4 ग्राम / किग्रा० अथवा थीरम 2.5 ग्रा० / किग्रा० अथवा कार्बनडाजिम 2ग्रा० / किग्रा०, बीज की दर से उपचारित कर बुआई करें। जिससे गुणवत्ता युक्त उत्पादन के साथ ही कृषक के श्रम का शत प्रतिशत लाभ प्राप्त हो सके।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा
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