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समाज की धुरी होते हैं लेखक व पत्रकार : श्रीधर पराड़कर देश की सभ्यता व संस्कृति को आगे बढ़ाती है मीडिया : संजय द्विवेदी

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झांसी। अखिल भारतीय साहित्य परिषद की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक संपन्न, चिंतकों व लेखकों ने किया देश की दशा व दिशा पर मंथन अक्टूबर किसी भी देश की सभ्यता और संस्कृति को आगे बढ़ाने में मीडिया का अहम योगदान होता है, वर्तमान में सोशल मीडिया ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के सामने बहुत बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है ऐसी स्थिति में पत्रकारों व लेखकों को अपनी लेखनी का प्रयोग अत्यंत सूझ बूझ के साथ करना होगा जिससे कि लोग सूचना और समाचार में अंतर स्पष्ट कर सकें उक्त विचार भारतीय जनसंचार संस्थान सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के महानिदेशक डॉ संजय द्विवेदी ने झांसी परिक्षेत्र में आयोजित अखिल भारतीय साहित्य परिषद की बैठक में बतौर मुख्य वक्ता व्यक्त किए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भारतीय भाषाओं का देशव्यापी राष्ट्रीय संगठन अखिल भारतीय साहित्य परिषद की दो दिवसीय राष्ट्रीय बैठक का आयोजन ओरछा तिगेला स्थित रॉयल गार्डन में किया गया, बैठक के प्रथम दिवस साहित्य परिषद मीडिया समूह की व द्वितीय दिवस साहित्य परिषद लेखक समूह की बैठक हुई इस बैठक में देशभर के 15 राज्यों से एक सैकड़ा से अधिक प्रतिष्ठित लेखकों व पत्रकारों ने सहभागिता करते हुए पत्रकारिता, समाज ,संस्कार सहित राष्ट्रीय चिंतन से जुड़े विभिन्न विषयों पर चर्चा परिचर्चा करते हुए देश के विकास व संस्कृति के उत्थान में लेखक का दायित्व कैसा हो इस पर मंथन व मनन किया । बैठक के मुख्य अतिथि परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री व देश के वरिष्ठ लेखक श्रीधर पराड़कर ने वर्तमान समय के लेखकों व पत्रकारों से ईमानदारी व सत्यता के साथ समाचार लिखने का आग्रह किया उन्होंने कहा कि लेखक व पत्रकार समाज की धुरी होते हैं इन्हें अपने दायित्वों का निर्वहन सजगता पूर्वक करना चाहिए । मुख्य वक्ता के रूप में डॉ संजय द्विवेदी, मुख्य अतिथि श्रीधर पराड़कर अन्य अतिथियों में परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री ऋषि कुमार मिश्रा, राष्ट्रीय संयुक्त महामंत्री डॉक्टर पवन पुत्र बादल, उत्तर प्रदेश के महामंत्री डॉ महेश पांडेय बजरंग रहे । प्रथम दिवस की बैठक में डॉ संजय द्विवेदी ने सूचना, समाचार व प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की बारीकियां बताते हुए आम जनमानस को पत्रकारिता व पत्रकार के दायित्व बताए, उन्होंने संस्कृति ,संस्कार व लेखन का आपस में संबंध कैसा और किस प्रकार हो इस पर भी चर्चा की। इसके अलावा अन्य आमंत्रित वक्ताओं व लेखकों ने अपने-अपने विचार व्यक्त कर पत्रकारों को समाज हित में आगे आने का आव्हान किया तथा साहित्य लेखन के विकृत रूप पर भी चर्चा की। बैठक में परिषद के कानपुर प्रांत के अध्यक्ष डॉ प्रहलाद बाजपेयी, प्रांतीय उपाध्यक्ष डॉ. पवन गुप्ता तूफान ,प्रांतीय संगठन मंत्री डॉ महेंद्र शुक्ला, प्रांतीय मंत्री शिव कमल मिश्रा, शिवमंगल सिंह , पवन पांडे पाली राजस्थान, रीता तिवारी लखनऊ, आशा शर्मा राजस्थान, नीलम भागी दिल्ली आदि राज्यों के लोग मौजूद रहे। स्थानीय लोगों में परिषद के जिला अध्यक्ष प्रताप नारायण द्विवेदी, महामंत्री विजय प्रकाश सैनी, उपाध्यक्ष केएन श्रीवास्तव ,बृज लता मिश्रा आदि लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन क्रमवार डॉ पवन पुत्र बादल, ऋषि कुमार व अन्य लोगों ने अलग-अलग सत्रों में किया। अतिथि यो का स्वागत धीरज मिश्रा व रवि मिश्रा एवं आभार व्यक्त डॉ महेश पांडेय बजरंग ने किया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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