झाँसी। जैनदर्शन के शाश्वत पर्वाधिराज पर्युषण दशलक्षण पर्व के दूसरे दिन महानगर के समस्त जिनालयों में उत्तम क्षमा धर्म की आराधना की गई।
मेडिकल कॉलेज गेट नं 3 के आगे निर्माणाधीन भगवान महावीर महातीर्थ में मुनिश्री अविचलसागरजी महाराज के सान्निध्य में श्री पार्श्वनाथ भगवान का अभिषेक शांतिधारा करने का सौभाग्य अमृत पावन वर्षायोग समिति के मुख्य सलाहकार डॉ राजीव जैन, स्वागताध्यक्ष अंकित सर्राफ, वरिष्ठ महामंत्री दिनेश जैन डीके, महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ, कार्यक्रम संयोजक निशांत जैन डेयरी, नितिन जैन सदर, देवेश जैन केडी, अंशुल जैन बघेरा, अमित जैन को प्राप्त हुआ। श्रीमति शीला सिंघई, रीता जैन आदित्य, अंजलि सिंघई, प्रतिभा जैन सदर, ऊषा जैन, प्रियंका जैन स्पर्श, सारिका सिंघई, पूजा जैन, सोनम जैन, रवि जैन, कु.प्रियंका जैन, ने मंगल आरती करके महाअर्घ्य समर्पित किए। इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री अविचलसागरजी महाराज ने “उत्तम मार्दव” धर्म को परिभाषित करते हुए कहा कि जिस प्रकार अंक के अभाव में शून्य का कोई महत्व नहीं होता उसी तरह मृदुता के अभाव में किसी धार्मिक क्रिया का कोई महत्व नहीं हैं। अपने मुख से अपनी प्रशंसा करना ये अहंकार की घोषणा एवं दूसरे के मुख से अपनी प्रशंसा सुनना ये अहंकार की पुष्टि है। मार्दव धर्म को स्वीकारें, यह मार्दव धर्म पापों का नाश करने वाला, भावों को निर्मल बनाने वाला, बैर को नाश करने वाला है। बुद्धि का संरक्षक हैं। अपना उत्थान के लिए हर व्यक्ति को अभिमान का त्याग करना चाहिए। इस अवसर पर करगुंवा मंत्री संजय सिंघई, अमृत पावन वर्षायोग समिति के उपाध्यक्ष मनोज सिंघई मातुश्री, डॉ अभिषेक जैन, संयोजक एंजि.अभिनव जैन, शुभम जैन जैरी, अंकुर जैन, आशीष जैन सोनू, महिला मण्डल की महामंत्री श्रीमति कल्पना जैन, मनीषा सिंघई आदि उपस्थित रहें। संचालन चातुर्मास समिति के महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ एवं आभार वरिष्ठ महामंत्री दिनेश जैन डीके ने व्यक्त किया।
जानकारी देते हुए महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया कि रविवार 31 अगस्त को प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक मेडिकल क्षेत्र स्थित भगवान महावीर लोक कल्याण परिसर में “आधुनिक शिक्षा और जैन मूल्य समन्वय एवं संभावनाएं” विषय पर मुनिश्री अविचलसागरजी महाराज के मंगल सान्निध्य में नगर के जैन चिकित्सकों का सेमिनार आयोजित किया जाएगा।
रिपोर्ट -मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


