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दिमागी बुखार में चूहा एवं छछूंदर वाहक के रूप में जिम्मेदार चूहा नियंत्रण रसायनों का प्रयोग करते समय हाथों मे दस्ताने पहनें*

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झांसी। विशेष संचारी रोग अभियान दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण तथा इनका त्वरित एवं समुचित उपचार किया जाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। शासन के निर्देशानुसार संचारी रोग नियंत्रण अभियान 01 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक चलाया जा रहा है, जिससे दिमागी बुखार के प्रभाव से बचा जा सके। घरों एवं खेतों मे पाये जाने वाले चूहा एवं छछूंदर को भी वाहक के रूप में जिम्मेदार पाया गया है, जिसके नियंत्रण के लिये कृषि विभाग द्वारा अपने समस्त क्षेत्रीय कर्मचारियों के माध्यम से चूहा एवं छछूंदर जनित रोग स्क्रब टाइफस एवं लेप्टोस्पायिरोसिस से बचाव की जानकारी कृषकों दी जाएगी ।

जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि संचारी रोगों के रोकथाम हेतु चूहा नियंत्रण रसायनों का प्रयोग करते समय हाथों मे दस्ताने पहनें। रसायनों को बच्चों की पहुँच से दूर रखे। मरे हुए चूहों को सावधानीपूर्वक घर से बाहर मिट्टी मे दबा दें। एल्यूमीनियम फास्फाइड की 3-4 ग्राम मात्रा बिल में डालकर बन्द कर दने से चूहे मर जाते है, चूहेदानी का प्रयोग करे। दवा के प्रयोग के दौरान घर में रखी खाद सामग्री इत्यादि को अच्छी तरह से ढक दें। घर के आसपास अनावश्यक जलभराव न होने दें, घरो के आसपास साफ सफाई रखें। पीने के पानी को स्वच्छ रखे। मच्छरदानी का प्रयोग करे, मच्छर वाली जगहों पर शरीर को ढककर रखें अपने आसपास गमला, कूलर, टायर आदि मे पनी न भरने दें, मच्छर रोधी पौधे का प्रयोग करें। जिंक फास्फाइड 1 ग्राम + 48 ग्राम चारा 2 ग्राम तेलीय पद्वार्थ का प्रयोग करके इनसे नियंत्रण पाया जा सकता है।

सहभागी फसल निगरानी एवं निदान प्रणाली पोर्टल मे प्रदर्शित व्हाट्स एप मो0नं0 9462247111, एवं 9452257111 के माध्यम से भी 24-48 घण्टे के अन्दर अपनी फसलो में लगने वाले कीट/रोग/व्याधि से निदान पा सकते है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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