झाँसी। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई (एनएसएस) के तत्वावधान में रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में सोमवार को “सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2025” का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने की, जबकि मुख्य अतिथि झाँसी के एसपी विजिलेंस राजेंद्र प्रसाद यादव रहे। कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने मुख्य अतिथि राजेंद्र प्रसाद यादव का विश्वविद्यालय उत्पाद, स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र उढ़ाकर स्वागत किया।अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति डॉ. सिंह ने कहा कि सरकारी संस्थानों में कार्य करते समय हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि “विश्वविद्यालय में जो भी कार्य या खरीद-फरोख्त होती है, उसमें पारदर्शिता सर्वोपरि होनी चाहिए। सतर्कता केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि इसे जीवन की दिनचर्या का अनिवार्य अंग बनाना होगा।”कुलपति ने सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सत्यनिष्ठा प्रतिज्ञा शपथ भी दिलाई, जिसमें आठ प्रमुख बिंदु शामिल थे—1. हम नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं को बढ़ावा देंगे तथा ईमानदारी और निष्ठा की संस्कृति को प्रोत्साहित करेंगे।2. हम न रिश्वत देंगे और न ही लेंगे।3. हम पारदर्शिता, जवाबदेही और निष्पक्षता पर आधारित सुशासन के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।4. हम सभी प्रासंगिक कानूनों और नियमों का पालन करेंगे।5. हम कर्मचारियों के लिए आचार संहिता अपनाएँगे।6. हम कर्मचारियों को उनके कार्यों से संबंधित नियमों के प्रति संवेदनशील बनाएंगे।7. हम शिकायतों एवं धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग हेतु व्हिसल ब्लोअर तंत्र को मजबूत करेंगे।8. हम हितधारकों और समाज के अधिकारों एवं हितों की रक्षा करेंगे।मुख्य अतिथि एसपी विजिलेंस राजेंद्र प्रसाद यादव ने अपने संबोधन में कहा कि “विजिलेंस केवल एक सप्ताह मनाने का कार्यक्रम नहीं, यह जीवन का प्रकाश है और जीवनभर अपनाने वाली कार्यप्रणाली है।”उन्होंने कहा कि विजिलेंस शब्द का अर्थ ही सतर्कता और सजगता है। किसी भी संस्थान में ईमानदारी, पारदर्शिता और जिम्मेदारी आवश्यक गुण हैं।एसपी यादव ने कहा कि “भ्रष्टाचार वही कर सकता है जिसके पास शक्ति है, परंतु सच्चा अधिकारी वही है जो शक्ति मिलने के बाद संयम रखे और ईमानदारी से कार्य करे।” उन्होंने संस्कृत श्लोकों के माध्यम से समझाया कि सतर्कता को व्यवहार में उतारना ही सच्चा विजिलेंस है।उन्होंने कहा कि जब कोई कर्मचारी संस्थान के हित के बजाय व्यक्तिगत लाभ देखने लगता है, वहीं से भ्रष्टाचार की शुरुआत होती है। सीबीआई और एंटी करप्शन विभाग के संयुक्त प्रयास से ही विजिलेंस की स्थापना हुई है। अतः प्रत्येक व्यक्ति को निष्ठा, ईमानदारी और सजगता से कार्य करना चाहिए तथा सतर्कता को जीवन की आदत बनाना चाहिए।अधिष्ठाता कृषि एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी डॉ. आर.के. सिंह ने कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह का उद्देश्य सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता को बढ़ावा देना और भ्रष्टाचार को समाप्त करना है। उन्होंने कहा कि “हर कर्मचारी अपनी नैतिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करेगा तो संस्था की प्रगति निश्चित है।”कार्यक्रम संयोजक सह-प्राध्यापक (वानिकी) डॉ. रामप्रकाश यादव ने बताया कि इस वर्ष का विषय “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी है” रखा गया है। यह सप्ताह 27 अक्टूबर से 2 नवंबर 2025 तक विविध कार्यक्रमों — प्रतियोगिताओं, व्याख्यानों और जागरूकता गतिविधियों — के माध्यम से मनाया जाएगा।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।संचालन डॉ रूमाना खान ने एवं सभी लोगों का आभार डॉ अनीता पुयाम ने व्यक्त किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






