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जनपद के समस्त नर्सिंग होम्स में फायर सेफ्टी पर जीरो टॉलरेंस है, इससे समझौता नहीं किया जाएगा अग्निशमन द्वारा एनओसी लिए बिना नर्सिंग होम का संचालन न किया जाए

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झांसी। लखनऊ की घटना के बाद चेता प्रशासन सीएमओ को दिए प्राइवेट हॉस्पिटल के जांच के आदेश। नियमों को ताक पर रखकर बने अस्पतालों के खिलाफ कार्यवाही के आदेश। आज जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने कलेक्ट्रेट स्थित कक्ष में नर्सिंग होम एसोसिएशन झांसी ब्रांच के विभिन्न डॉक्टर्स/पदाधिकारियों के साथ एक बैठक ली। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि अग्निशमन विभाग द्वारा बिना एनओसी लिए नर्सिंग होम के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा की मरीजों की सुरक्षा के साथ किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। आता समस्त नर्सिंग होम क्लीनिक अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी लेना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने नर्सिंग होम एसोसिएशन झांसी ब्रांच के विभिन्न नर्सिंग होम के संचालक/डॉक्टर्स से कहा कि अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी जारी करने के शासनादेश मैं संशोधन करते हुए नर्सिंग होम/व्यवसायिक प्रतिष्ठान आदि को छूट प्रदान की गई है। इस छूट का लाभ लें और शासनादेश की शर्तों का अनुपालन करते हुए आवेदन करना सुनिश्चित करें ताकि अग्निशमन विभाग द्वारा एनओसी दी जा सके। बैठक में जिलाधिकारी ने लो-राईज भवनों एवं मिक्स आक्यूपेन्सी (15 मीटर से कम ऊँचाई) की अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन में कठिनाइयों को दूर करने हेतु लो-राईज भवनों में ढॉचागत एवं अग्निशमन व्यवस्था के सम्बन्ध में बिंदुवार जानकारी दी।उन्होंने कहा कि फायर सर्विस मुख्यालय द्वारा लो-राईज भवनों एवं मिक्स आक्यूपेन्सी (15 मीटर से कम ऊँचाई) की अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन में कठिनाइयों को दूर करने हेतु लो-राईज भवनों में ढॉचागत एवं अग्निशमन व्यवस्था किये जाने के सम्बन्ध में प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया, जिसमें अवगत कराया गया कि विभिन्न व्यवसायिक भवनो व परिसरो के अग्नि सुरक्षा हेतु ” उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा नियमावली-2005″ एवं उत्तर प्रदेश अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा नियमावली(प्रथम संशोधन) 2021 में अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गत करने हेतु मानक निर्धारित है। यह भी अवगत कराया गया कि ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के अर्न्तगत औद्योगिक पूँजी निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन के दृष्टिगत प्रदेश में उद्योग/व्यवसाय हेतु कम्प्लायन्स बर्डन को कम किए जाने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी किए गये गाइड • लाइन के क्रम में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा निर्देश निर्गत किए गये है। उन्होंने कहा कि फायर सर्विस मुख्यालय द्वारा प्रदेश में लो-राईज भवनों तथा मिक्स आक्यूपेन्सी के भवनों, जिनकी ऊँचाई 15 मीटर से कम है, के संबंध में प्रदेश के उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने हेतु अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन में आ रही कठिनाइयों को दूर करने के लिये स्पष्ट व्यवस्था प्रथम बार प्रस्तावित की गई है, तदनुसार लो-राईज भवनों के अग्निशमन अनापत्ति निर्गमन के परिप्रेक्ष्य में एक अलग मानक / ढॉचागत व्यवस्था किये जाने से प्रदेश के उद्यमियों को उद्यम स्थापित करने में सुविधा होगी।फायर सर्विस मुख्यालय के उक्त प्रस्ताव पर सम्यक विचारोपरान्त लो-राईज भवनों तथा मिक्स आक्यूपेन्सी के भवनों, जिनकी ऊँचाई 15 मीटर से कम है, में अग्निशमन अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन हेतु अग्निशमन एवं सामान्य ढाँचागत व्यवस्था तथा नेशनल बिल्डिंग कोड (एन०बी०सी०)-2016 के अनुसार निम्नवत संशोधन / व्यवस्था किये जाने का निर्णय लिया गया। सामान्यतः पहुँच मार्ग न्यूनतम 6 मीटर अथवा इतना चौड़ा जिससे मोटर फायर इंजन आसानी से आ जा सके। स्टेयरकेस- आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के सुझाव के अनुसार स्टेयरकेस की न्यूनतम चौड़ाई आवासीय भवनों में 1.0 मीटर, ग्रुप हाउसिंग (तीन मंजिल तक) व गेस्ट हाउस में 1.5 मीटर, बहुमंजिले भवनों में 1.5 मीटर, 03 मंजिल से अधिक ऊँचे ग्रुप हाउसिंग भवनों में जीने की न्यूनतम चौड़ाई 1.5 मीटर होगी। स्मोक मैनेजमेन्ट- भवनों में अधिकांशतः धुएं से दम घुटने के कारण ही मृत्यु होती है। अतः नेचुरल वेन्टीलेशन अथवा स्मोक एग्जास्ट सिस्टम लगाया जाएगा। एन०बी०सी 2016 में दी गयी अग्निशमन व्यवस्थाओं में संशोधन की जानकारी दी और बताया कि फायर वाटर टैंक की स्थापना- भूमिगत अथवा टेरेस पर उपयुक्तता Annexure A से Fमे प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार।फायर पम्प की स्थापना- भूमिगत अथवा टेरेस पर उपयुक्तता Annexure A से F मे प्रस्तावित संशोधनो के अनुसार,स्मोक/आटोमैटिक डिटेक्शन सिस्टम की स्थापना एवं अनुरक्षण Annexure A से F मे प्रस्तावित संशोधनो के अनुसारा, स्प्रिंकलर सिस्टम की स्थापना एवं अनुरक्षण Annexure A से F मे प्रस्तावित संशोधनो के अनुसार, वेट राइजर /डाउन कमर की स्थापना एवं अनुरक्षण Annexure A से F मे प्रस्तावित संशोधनो के अनुसार किया जाना है। उन्होंने बताया कि सेटबैक- आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के सुझाव के अनुसार सेटबैक की अनिवार्यता एवं तदनुसार उपलब्धता के सम्बन्ध में निर्णय सम्बन्धित सत्ता प्राधिकारी द्वारा प्रभावी भवन निर्माण एवं विकास उपविधि (बिल्डिंग बायलाज) के अनुसार लिया जायेगा।निकास मार्ग (स्टेयर केस)- उक्त प्रस्ताव के सम्बन्ध में आवास विभाग के सुझाव के अनुसार निकास मार्ग(स्टेयरकेस) की चौड़ाई वर्तमान में अनुमन्य 1.5 मीटर के सापेक्ष न्यूनतम 1.2 मीटर होगी। उन्होंने शासनादेश की जानकारी देते हुए बताया कि लो-राइज भवनों की अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने में कठिनाईयो को दूर करने के लिए उद्यमियों के लिये एन0बी0सी0 2016 में दी गयी न्यूनतम अग्निशमन व्यवस्थाओं में निम्नलिखित भवनों के लिये संशोधन किया जा रहा है:-आवासीय (होटल) भवन (Annexure- A),शैक्षणिक भवन- (Annexure-B),संस्थागत भवन (हास्पिटल)- (Annexure-C) व्यवसायिक भवन (Annexure-D),औद्योगिक भवन- ( Annexure-E),मिक्स आक्यूपेन्सी (Annexure-F),लो-राइज भवनो एवं मिक्स आक्युपेन्सी भवनों (15 मीटर से कम ऊंचाई) के अन्तर्गत Existing Buildings में विद्यमान उच्च अग्नि एवं जीवन संशय को दृष्टिगत रखते हुये निम्नवत् व्यवस्था की गई। यह व्यवस्था विद्यमान भवनों पर बाध्यकारी न होकर पूर्णतया स्वैच्छिक होगी। विद्यमान भवनों हेतु कटऑफ दिनांक: 30.06.2022 मानी जायेगी अर्थात इसके बाद निर्मित भवन विद्यमान भवनों की श्रेणी में नहीं आयेंगे। दिनांक 30.06.2022 के पश्चात निर्मित भवनों का परीक्षण पूर्व की भांति बिल्डिंग बाईलाज, एन०बी०सी० एवं विभिन्न शासनादेशों के अनुसार किया जायेगा। जिलाधिकारी ने उपस्थित समस्त नर्सिंग होम के संचालक चिकित्सकों से अनुरोध किया की फायर सर्विस की एनओसी लेना सुनिश्चित करें ताकि दुर्घटना को रोका जा सके और यदि दुर्घटना होती है तो मरीजों को सुरक्षित निकाला जा सके। इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुधाकर पांडेय, मुख्य अग्निशमन अधिकारी के के ओझा, डॉ मुकेश नजा, नजा हॉस्पिटल, डॉ आर आर सिंह, राघवेंद्र हॉस्पिटल, डॉ दीपक गुप्ता संस्कार हॉस्पिटल, डॉक्टर आलोक अग्रवाल मेवा चौधरी हॉस्पिटल, डॉ विजय कुमार अग्रवाल वात्सल्य क्लीनिक, डॉक्टर एमसी अग्रवाल रती आई हॉस्पिटल, डॉ संजय त्रिपाठी चिरंजीव हॉस्पिटल, डॉक्टर धीरज प्रकाश सहित अन्य चिकित्सक व अधिकारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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