झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर साफ स्वच्छ सुंदरता के वातावरण को बनाए रखने के लिए बार बार एलाउंस कराया जाता है। लेकिन स्टेशन के बाहर ओवर ब्रिज से सटकर खड़ा होने वाला यह चाट मसाले का ठेका दिन भर गंदगी फैलाता है। इस ठेला संचालक का कहना है कि यह रेलवे स्टेशन है, यहां दूर दूर तक ठेला खड़ा नही हो सकता। हमारा ठेका सेटिंग से खड़ा होता है। लेकिन यह मोदी योगी की जीरो टॉलरेंस की सरकार में यह सेटिंग क्या होती है, इसका जवाब नही। रेलवे की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने वाले इसे कही सिविल पुलिस तो कही एक दूसरे के पाले में गेंद फैंक कर इतिश्री कर लेते है। शहर में बेरोजगारी हर जगह है, हर गरीब तबके का व्यक्ति दो वक्त की रोजी रोटी कमाने के लिए हाथ ठेला लगाने के लिए ऐसे स्थान तलाशता है। लेकिन उन गरीबों के ठेके ऐसे रेलवे के स्थान पर नही लग सकते, क्योंकि उन गरीबों के लिए सारे नियम कानून आ जाते है। सूत्र बताते है कि यह ठेला एक अवैध कारोबारी माफिया द्वारा पूरी सेटिंग के तहत लगवाया जाता है, ओर जब बात रेलवे के अधिकारियों के संज्ञान में अति है, तो इसकी जिम्मेदारी सिविल पुलिस की बताकर इतिश्री कर लेते है, ओर जब कोई गरीब व्यक्ति ठेला लगाए तो यही जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी बताकर उसे वहां से चलता कर देते है। अवैध कारोबारी की यह सेटिंग रेलवे के बाहर की सुंदरता को ग्रहण तो लगा ही रहा साथ ही स्टेशन पर आने वाले यात्रियों को दूषित खान पान सामग्री भी बीच रहा है। जबकि यह ठेला रेलवे स्टेशन की दीवार से सटकर जीआरपी थाना के बगल में बने रेलवे स्टेशन जाने वाले पुल के बीच खड़ा होता है। आखिर कौन होगा इस रेलवे की सुंदरता को ग्रहण लगवाने का जिम्मेदार।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






