
झांसी। बड़ागांव से चिरगांव भगवान शिव मन्दिर तक निकलने वाली कांवड़ यात्रा इस वर्ष नौ बी बार भी बड़े ही धूमधाम से डीजे ढोल नगाड़े के साथ निकाली गई। इस कांवड़ यात्रा में सैंकड़ों महिलाएं अपने सर पर कलश रखा कर चल रही थी, कांवड़िए कांवड़ लेकर आगे आगे भगवान भोलेनाथ के स्वरूप शिव तांडव करते हुए चल रहे थे, वही भगवान पशुपति नाथ का स्वरूप मनमोहक आकर्षण का केंद्र रहा। श्रावणमास के अंतिम सोमवार को अनूप शिवहरे देहाती, दिलीप शिवहरे के नेतृत्व में हर वर्ष की तरह इस वर्ष की विशाल कांवड़ यात्रा निकाली गई। कांवड़ यात्रा बड़ागांव के ग्राम बराठा में नदी से पवित्र जल भरकर कलश ओर कांवड़ लेकर महिलाएं ओर कांवड़िए चिरगांव स्थित भगवान शिव के मन्दिर के लिए पैदल चले। इस दौरान कांवड़ यात्रा में डीजे की धुन पर मथुरा वृंदावन से आई भगवान शिव पार्वती के स्वरूप ओर शिवतांडव की टोली ने नाचते झूमते शिव की आराधना की। करीब तीन किलो मीटर लंबी इस कांवड़ यात्रा में भगवान पशुपति नाथ का स्वरूप, भगवान शिवलिंग का स्वरूप आकर्षण का केंद्र रहा। कांवड़ यात्रा में करीब तीन से चार हजार की संख्या में पीले वस्त्रों को धारण किए महिला, पुरुष, बच्चे बम बम भोले के जयकारे के साथ कांवड़ लेकर जा रहे थे। कांवड़ यात्रा का विशाल स्वरूप बता रहा था कि बड़ागांव से लेकर चिरगांव तक आस्था का सैलाब उमड़ा है। इस दौरान कांवड़ यात्रा का जगह जगह फूल वर्षा से स्वागत किया गया साथ ही जगह जगह कांवड़ियों को जलपान की व्यवस्था भी कराई गई।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


