झांसी। बुंदेलखंड अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान(बी0आई0ई0टी ) में आज वार्षिक टेक्निकल फेस्ट इनोवांझा का उद्धघाटन समारोह आयोजित किया गया । यह कार्यक्रम 20 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित किया जायेगा। फेस्ट के उद्धघाटन के साथ ही बी0आई0ई0टी झाँसी में बुन्देलखंड इनोवेशन एंड इन्क्यूबेशन सेण्टर फाउंडेशन जो की उत्तर प्रदेश सरकार के अंतर्गत संचालित होने वाला इन्क्यूबेशन सेन्टर की लॉन्चिंग कार्यक्रम मुख्य अतिथि जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा किया गया। यह सेन्टर बुंदेलखंड क्षेत्र में स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया है। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया | माननीय जिलाधिकारी महोदय द्वारा दिए गए वक्तव्यों के केंद्र बिंदु मुख्यतः स्टार्टअप संस्कृति और बुंदेलखंड क्षेत्र में सोलर और सिलिकॉन उद्योग जैसे कई क्षेत्रों में स्टार्टअप की अपार संभावनाओं जैसे विषय शामिल रहे। उन्होंने छात्रों को नौकरी पाने वाले ना बनकर नौकरी देने वाले बनने को प्रेरित किया। मुख्य अतिथि के रूप में जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने बी.आई.ई.टी. में विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें आस-पास उपलब्ध संसाधनों से कम कीमत पर नई-नई सुविधाओं का विकास किया जाए। उन्होंने कहा कि अपने इनोवेटिव आईडिया को केवल मोडल बनाकर न रखा जाए, उसे फील्ड में उतारकर कम कीमत पर लोगों को नई-नई सुविधायें प्रदान की जाए, ताकि Ease of living को बढावा मिले। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया गया कि हमारे जनपद झाॅसी सोलर ऊर्जा के उत्पादन के दृष्टिगत से अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं। यहां एक ओर सूर्य की किरणें अत्यधिक मात्रा में प्राप्त होती हैं एवं दूसरी ओर जनपद के मऊरानीपुर में सिलिकाॅन के पहाड़ मौजूद हैं। हम इस प्रकार अपनी आँखें खुली रखें एवं अपने पास माॅजूद संसाधनों के प्रयोग से कम कीमत पर नयी सुविधायें उत्पन्न करें। उन्होंने कहा पहले हमें अपने माइण्ड में इमेजिनेशन करने की आवश्यकता है एवं उसे वास्तविक रूप देना ही इनोवेशन है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी का फोकस किसी कम्पनी के employee बनने से बेहतर होगा कि वह self employeed बने और लोगों को अधिक से अधिक रोजगार प्रदान करें। वर्तमान में मा.उत्तर प्रदेश शासन द्वारा भी इसे बढ़ावा दिया जा रहा है एवं इन्वेस्टर समिट के माध्यम से जनपद में इन्वेस्ट कर अधिक से अधिक रोजगार सृजर किये जाने के निर्देश दिये जा रहे हैं। इसके उपरान्त उन्होंने इन्क्यूवेशन सेन्टर का भ्रमण किया। इन्क्यूवेशन सेन्टर के भ्रमण के दौरान बताया गया कि कम्पनियों द्वारा जो प्रोजेक्ट दिये जाते हैं उनका यहां पूरा किया जाता है। इसके अतिरिक्ति यहां स्टार्टअप्स द्वारा भी नये-नये प्रोजेक्ट पर काम किया जाता है। इस इन्क्यूवेशन सेन्टर का मुख्य उद्देश्य बुन्देलखण्ड के विद्यार्थियों को स्टार्टअप का सहयोग कर उनके स्टार्टअप को मार्केट तक पहुंचाना है। उन्होंने सुझाव दिया कि इन्क्यूवेशन सेन्टर के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये ताकि बुन्देलखण्ड के विद्यार्थीगण एवं अन्य स्टार्टअप इससे जुडे़ं और उन्हें लाभ प्राप्त हो सके। बीआईईटी के निदेशक प्रो0 पुलक मोहन पांडेय द्वारा दिए गए सम्बोधन में उन्होंने इन्क्यूबेशन सेण्टर में जुड़े हुए स्टार्टअप्स को कॉलेज की तरफ से हरसंभव तकनीकी मदद दिलाने पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि नई तकनीकी का उपयोग कर हम सामाजिक समस्याओं का समाधान करने मे प्रोडक्ट बनाये। उन्होंने 3 डी प्रिंटिंग , मैंन्युफैक्चरिंग विज्ञान पर बात की। इन्क्यूबेशन सेण्टर की प्रेसिडेंट प्रो शहनाज़ अयूब ने अपने सम्बोधन में छात्रों को स्टार्टअप के लिए प्रोत्साहित किया एवं बुंदेलखंड क्षेत्र के स्टार्टअप्स और छात्रों को इन्क्यूबेशन सेण्टर से जुड़ने के लिए आमंत्रित किया | इनोवेशन हब ए के टी यू की मैनेजर सुश्री वंदना शर्मा ने अपने आयडिया को प्रोटोटाइप में परिवर्तित करने से लेकर स्टार्टअप व्यवसायीकरण के लिए इन्क्यूबेशन सेन्टर की मह्त्वपूर्ण भूमिका से छात्रों को अवगत कराया। कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी ने इन्क्यूबेशन सेण्टर का निरीक्षण किया और वहां से जुड़े स्टार्टअप्स के संस्थापकों से चर्चा की और इन्क्यूबेशन सेन्टर की सराहना की। कार्यक्रम में बी आई ई टी के शिक्षक, छात्र , स्टार्टअप्स के संस्थापक आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के आयोजन में इन्क्यूबेशन मैनेजर सुधांशु रंजन, बी आई ई टी के छात्रों रिषीक पाठक, इंजमामुल हक़ , शुभम पाठक , अंकित शुक्ल आदि का योगदान रहा। अंत मे संयोजिका प्रो.शहनाज़ अयूब ने सभी का आभार व्यक्त किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






