Home उत्तर प्रदेश निर्माण तो दूर ढाई वर्षों से भवन ध्वस्त किए जाने की अनुमति...

निर्माण तो दूर ढाई वर्षों से भवन ध्वस्त किए जाने की अनुमति का ही है इंतजार अधिवक्ताओं के चैम्बरों के निर्माण के लिए उपमुख्यमंत्री को भेजा पत्रविधि एवं न्याय मंत्री रहते हुए स्वीकृत की गई थी पांच करोड़ की धनराशि

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झांसी। विगत करीब ढाई वर्ष से चैम्बरों का निर्माण कार्य शुरू हो पाना तो दूर पुराने भवन को ध्वस्त किए जाने की अनुमति को लेकर फंसाए गए पेंच के मामले में अब सीधे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक को पत्र प्रेषित किया गया है ‌। जिला अधिवक्ता संघ के वरिष्ठ कार्यकारिणी सदस्य राजेश चौरसिया ने उपमुख्यमंत्री को प्रेषित पत्र में अवगत कराते हुए बताया है कि करीब ढाई वर्ष पहले जिला अधिवक्ता संघ द्वारा आयोजित समारोह में बतौरमुख्य अतिथि श्री पाठक द्वारा ही अधिवक्ताओं की मांग पर कलैक्ट्रेट परिसर झाँसी में े चैम्बर्स निमार्ण हेतु करीब 05 करोड़ रूपये धनराशि स्वीकृत की गयी थी।उक्त चैम्बर्स कलैक्ट्रेट परिसर(जे०जे०एस०के० पास) अधिववक्ता भवन को निष्प्रयोज्यएवं ध्वस्तीकरण कराये जाने के उपरान्त अधिवक्ताओं हेतुनिर्मित कराए जाने हैं। बताया कि अत्यंत खेद जनक है कि करीब ढाई वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू किया जाना तो दूर अभी ध्वस्तीकरण की कार्यवाही भी शुरू नहीं की जा सकी है।जिसका मुख्य कारण पूर्व जिलाधिकारी श्री बामसी द्वारा आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषदलखनऊ उ0प्र0 व विशेष सचिव उ0प्र0 शासन न्याय अनुभाग लखनऊ को प्रेषित पत्र हैं। जिनके बाद हाल ही में विगत 30 अप्रैल 2022 व 21 जून 2022 को भी पुनः प्रेषित पत्रों का जबाब नहीं दिया जा रहा है। इस सम्बन्ध में गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत द्वारा दूरभाष पर की गई वार्ता में बताया गया था कि आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद लखनऊ से भवन उपरोक्त को ध्वस्त किये जाने की अनुमति प्रदान किये जाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है। क्योंकि उक्त पुराना भवन कलैक्ट्रेट परिसर झाँसी में स्थित होने के कारण जिलाधिकारी स्वंय निर्णय ले सकते हैं।यह भी बताया कि पूर्व जिलाधिकारी झाँसी द्वाराविशेष सचिव उ०प्र० शासन न्याय अनुभाग लखनऊ में भी पत्र अनावश्यक रूप से प्रेषित किया गया था ।भवन कलैक्टेट परिसर में है। जिसके ध्वस्त किये जानेहेतु न्याय अनुभाग से भी अनुमतिकी आवश्यकता नहीं हैं। अनावश्यक पत्राचार के चलतेनिर्माण कार्य शुरू न होने से शासन की योजना से वंचितअधिवक्ताओं में खासा रोष व्याप्त है तथा शासन-प्रशासन की कार्य प्रणाली पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं।अधिवक्ताओं के पुराने भवन के कुछ हिस्सों की छत गिरने से कभी भी गम्भीर घटना घटित होने की आशंका भी बढ़ती जा रही है।उपमुख्यमंत्री श्री पाठक को प्रेषित पत्र के साथ आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद लखनऊ व विशेष सचिव उ0प्र0‌ शासन न्याय अनुभाग लखनऊ को पूर्व में प्रेषित पत्रों की छाया प्रतियां संलग्न कर समस्या के अति शीघ्र निराकरण कराये जाने की मांग की गई । जिससे करीब ढाई वर्ष पूर्व बतौर विधिः एवं न्याय मंत्री प्रदत्त धनराशि से अधिवक्ताओं के लिये चैम्बरों का निर्माण हो सके तथा घोषणा साकार होने से अधिवक्तालाभान्वित हो सकें।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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