झांसी। वीरांगना महारानी लक्ष्मी राजकीय महिला महाविद्यालय झांसी में शासन के निर्देशानुसार पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिवस को “सुशासन दिवस” के रूप में मनाया गया। जिसके अंतर्गत एक ऑनलाइन बेबीनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. अनिल कुमार सिंह ,असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी ,रामसहाय राजकीय महाविद्यालय, बैरी शिवराजपुर, कानपुर रहे। आपने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए उनके छात्र जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन के सफर को विस्तार पूर्वक चरितार्थ किया। डॉ. अनिल कुमार सिंह ने अपने वक्तव्य में बताया कि किस प्रकार वाजपेई ने भारत के गौरव को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशमान किया। स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई ने संयुक्त राष्ट्र संघ में हिंदी में भाषण देकर हिंदी को और पोखरण परीक्षण कराकर हिंदुस्तान की शक्ति का लोहा संपूर्ण विश्व में मनवाया। आपने बताया कि अटल हमेशा से ही शासन में पारदर्शिता के पक्षधर थे और राष्ट्रहित और जनहित कार्यों के लिए सदैव ही प्रयासरत रहें। यही कारण है कि उनके सपनों को जीवन्त बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा 25 दिसंबर 2014 से प्रतिवर्ष उनके जन्म दिवस को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. बी. बी. त्रिपाठी ने स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जैसा व्यक्तित्व “ना भूतो ना भविष्यति” अर्थात् ना तो हुआ है और ना ही भविष्य में होगा। कार्यक्रम का संचालन अमृत महोत्सव प्रभारी डॉ .अजय शंकर यादव द्वारा किया गया तथा कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण ,कर्मचारीगण व छात्राएं उपस्थित रही।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






