झांसी। सात वर्ष पूर्व पांच मासूम बालिका के साथ बलात्कार का प्रयास करने के आरोप में जेल में निरुद्ध आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने जमानत देने से इंकार करते हुए निरस्त कर दिया है। जबकि इस मुकदमे में पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी। न्यायालय ने पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को 10 मई 2024 को निरस्त करते हुए आरोपी को तलब कर जेल भेज दिया था। तभी से आरोपी जेल में निरुद्ध है।अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने बताया कि 11 जनवरी 2016 को एक महिला ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी पांच वर्षीय पुत्री घर पर अकेली थी उसी दौरान बड़ागांव गेट बाहर निवासी प्रमोद कुशवाह पुत्र राधे कुशवाह उसके घर आया और पुत्री को अकेला पाकर उसे घर से बाहर ले गया और उसके साथ अश्लील हरकते करने लगा। बालिका के शोर मचाने पर आरोपी उसकी पुत्री को घर के बाहर छोड़ कर भाग गया। शिकायत कर्ता ने बताया कि इस घटना की जानकारी उसके घर आने पर पुत्री ने दी इस पर वह रिपोर्ट लिखाने आई है। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना क्षेत्राधिकारी नगर को सौंप दी थी। क्षेत्राधिकारी नगर ने विवेचना संपादित करते हुए अंतिम रिपोर्ट लगाकर न्यायालय ने दाखिल कर दी थी। उन्होंने बताया कि मामला मासूम बालिका से जुड़ा होने पर न्यायालय ने दस मई 2024 को अंतिम रिपोर्ट निरस्त करते हुए आरोपी को न्यायालय में तलब किया। आरोपी प्रमोद कुशवाह न्यायालय में उपस्थित नहीं हुआ तो उसके वारंट जारी किए। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायलय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया था। आज आरोपी का जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जिसकी सुनवाई के बाद न्यायालय ने अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह द्वारा विरोध करने पर उसे निरस्त कर दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






