
झांसी। एनजीटी के आदेशों पर ऐतिहासिक धरोहर लक्ष्मी ताल को अतिक्रम मुक्त कराने के लिए आज दोबारा पहुंचा जिला प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा। इस विरोध के चलते प्रशासन ने कोई सख्ती नही दिखाई और बिना कार्यवाही किए फोटो सेशन प्रक्रिया पूरी होकर चलता बना। विरोध करने वालों की मांग थी कि पहले अवैध कॉलोनी हटाई जाए।

झांसी महानगर का ऐतिहासिक लक्ष्मी ताल की कई एकड़ भूमि पर अवैध कब्जे हो गए। भू माफियाओं ने बड़ी बड़ी कोलोनिया ओर आवास बनाकर बेच कर अपना खजाना भर लिया। वही लक्ष्मी ताल को इस अतिक्रमण से मुक्ति दिलाने और सौंदर्य करण के लिए एनजीटी में रिट दायर की गई थी। जिसकी सुनवाई के बाद पंद्रह दिन पूर्व एनजीटी के आदेश पर जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन और पुलिस बल अतिक्रमण में आने वाली मंदिर मस्जिद को हटाने के लिए पहुंचा था। इस दोनो ही धर्मों के सेंकड़ों लोगों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था। इस विरोध प्रदर्शन के बाद प्रशासन खाली हाथ लोट गया था। आज फिर एनजीटी के आदेशों का पालन करने जेसीबी मशीन और भारी भरकम पुलिस बल लेकर पहुंचा। जिसे देख मंदिर और मस्जिद पर दोनो धर्म के सेंकड़ों लोग आ गए और सभी ने जमकर विरोध किया। इधर विरोध करने वालों की मांग थी की पहले अवैध कॉलोनी और आवास हटाए जाए उसके बाद यहां कार्यवाही की जाए। प्रशासन ने इस विरोध को देखते हुए कोई सख्ती नही अपनाई। बस जेसीबी मशीनों को खड़ा कर फोटो सेशन हुआ और कई लोगों ने जेसीबी के आगे लेट कर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद टीम वापस खाली हाथ लोट गई।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






