झांसी। अपहरण और बलात्कार पीड़िता की गोपनीयता भंग करते हुए न्यायलय में बयान देने के दौरान उसकी फोटो वीडियो बनाकर पति को भेजने वाले अभियुक्त को जमानत देने से अपर सत्र न्यायधीश/विशेष न्यायाधीश पोस्को एक्ट मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने इंकार कर दिया है। न्यायालय में तर्क देते हुए कहा कि पीड़िता का वैवाहिक जीवन बर्बाद करने के उद्देश्य से किया गया कृत्य जमानत देने योग्य नहीं इसलिए अभियुक्त को जेल में ही रहना होगा।लोक अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि कमल कुशवाह निवासी ग्राम भौती जिला शिवपुरी के खिलाफ वर्ष 2015 में नाबालिग का अपहरण का बलात्कार करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस प्रकरण में 23 अगस्त 2024 को पीड़िता के बयान हो रहे थे। वर्तमान में पीड़िता बालिग हो चुकी है और उसकी शादी भी हो गई तथा आरोपी कमल कुशवाह जमानत पर बाहर है। उन्होंने बताया कि न्यायालय में पीड़िता के बयान के दौरान अभियुक्त ने पीड़िता का मोबाइल से फोटो वीडियो बनाकर उसके पति को भेज दिया ओर वीडियो कॉलिंग पर पति को दिखाया कि उसकी पत्नी न्यायलय में बयान देने आई है। यह बात की जानकारी पति को लगी तो उसने पत्नी/पीड़िता को फोन कर उसके साथ हुई घटना को छिपा कर शादी करने पर उसने पीड़िता को तलाक देने की धमकी दे दी। इसकी शिकायत करने पर न्यायालय ने अभियुक्त का मोबाइल कब्जे में लेकर उसकी जांच पड़ताल की तो मोबाइल में पीड़िता की फोटो वीडियो निकली, मामला गंभीर होने पर अदालत ने उसका जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर अभियुक्त को जेल भेज दिया था। आज अभियुक्त की ओर से उसका जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में दिया गया जिसका विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाह ने विरोध करते हुए न्यायलय से आग्रह करते हुए कहा कि अभियुक्त ने पीड़िता का वैवाहिक जीवन बर्बाद करने जैसा कृत्य किया है, वह जमानत देने योग्य नहीं। अगर अभियुक्त को जमानत मिल गई तो वह पीड़िता के जीवन को आगे भी बरवाद कर सकता है, साथ ही पीड़िता की जान माल के लिए भी खतरा पैदा कर सकता है। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपी कमल कुशवाह का जमानत प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






