झांसी। किशोरी को बहला फुसलाकर अपहरण कर जान से मारने की धमकी देते हुए जबरन बलात्कार के मामले में आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश एस.सी.एस.टी एक्ट शक्तिपुत्र तोमर की अदालत में अभियुक्त को दस वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है।विशेष लोक अभियोजक केशवेन्द्र प्रताप सिंह व कपिल करोलिया के अनुसार पीड़िता के पिता ने थाना उल्दन में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी पुत्री उम्र करीब १४ वर्ष, कक्षा १० में पढ़ती थी। २२ दिसंबर १० को मेरी लडकी स्कूल से जल्दी ही घर वापस आ गयी थी। इसके बाद समय करीब शाम चार बजे खेत गयी थी। रमेश, राजेश, श्रीमती विनीता,श्रीमती किशोरी के भी खेत मेरे खेत से लगे हुए है। यह लोग अक्सर मेरी पुत्री को टेलीफोन से बुलाकर बहलाते फुसलाते थे। यह चारों लोग मेरी लडकी को बहला फुसला कर भगा ले गये है। मेरी लडकी घर का सामान जेवर व ६५०० रूपये नगद लेकर चली गयी है। तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया था।बाद में पुलिस द्वारा बरामद किए जाने पर पीड़िता ने बताया कि अभियुक्त भूपेन्द्र की बहन श्रीमती प्रभा मेरे घर के बगल में ब्याही है, जो रिश्ते में मेरी भाभी लगती है। इनके एक बच्चा भी है | भूपेन्द्र अपनी बहन के घर आता जाता था। एक दिन प्रभा की नन्द रेशू ने मुझे अपने घर बुलाया। मैं वहां गयी तो रेशू ने मुझे घर के अन्दर कर दिया और वह वहां से चली गयी। घर के अन्दर भूपेन्द्र पहले से ही मौजूद था। भूपेन्द्र ने जबरदस्ती मेरे साथ बलात्कार किया। फिर भूपेन्द्र ने मुझसे कहा कि तुम अपने घर से जेवर व पैसे लेकर बंगरा आ जाना नहीं तो जान से मार देगे। मैने डर के कारण घर आकर किसी को कोई बात नहीं बतायी। मै २२ दिसंबर १० को सुबह स्कूल चली गयी। फिर मै स्कूल से जल्दी घर वापस आ गयी। घर पर मेरे मम्मी पापा नहीं थे। मै भूपेन्द्र के डर से घर का सारा जेवर व साढे छःहजार रूपये लेकर बंगरा गयी।वहां मुझे भूपेन्द्र मिला। उसने कहा कि तुम मुझे सारा रूपया व जेवर दे दोनहीं तो जान से मार देंगे। मैने सारा रूपया व जेवर उसको दे दिया। फिर वह मुझे डराते धमकाते बस से झांसी और झांसी से ग्वालियर ले गया। फिरग्वालियर से बस से ही आगरा गये। उसके बाद दूसरे दिन हम लोग दिल्ली पहुंच गये। दिल्ली मेंभूपेन्द्र मुझे अपने भाई सुरेन्द्र के यहां लेकर गया। वहां मुझे कमरे में भूपेन्द्र ने रखा। सुरेश इसबीच कहीं बाहर चला गया। दस दिन तक भूपेन्द्र ने मेरी इच्छा के विरूद्ध मेरे साथ बलात्कार कियातथा मेरे मना करने पर मुझे जान से मारने की धमकी देता था और कहीं बाहर नहीं जाने देता था। एक दिन मुझे भूपेन्द्र व सुरेश कहीं ले जा रहे थे वहीं पुलिस ने हम लोगो को पकड़ लिया था फिर मुझे झांसी लाये थे। न्यायालय द्वारा धारा ३६३, ३६६, ३६८, ५०६ भा. द. सं. एवं धारा ३ (२) ५ एस. सी. एस. टी एक्ट धएवं अभियुक्त भूपत रजक उर्फ भूपेन्द्र पर धारा ३७६ भा. द. सं का पृथक रूप से आरोप विरचित किया गया। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त भूपत रजक उर्फ भूपेन्द्र को अन्तर्गत धारा ३६३ भा.द.सं. के अन्तर्गत ०५ वर्ष के सश्रम कारावास व ५००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा नकरने पर ०३ माह का अतिरिक्त कारावास ,धारा ३६६ भा.द.सं. के अन्तर्गत ०५ वर्ष के सश्रम कारावास एवं ५००० रूपये अर्थदण्ड ,अदा न करने पर अभियुक्त ०३ माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ३६८ भा.द.सं. के अन्तर्गत ०५ वर्ष के सश्रम कारावास एवं ५००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त ०३ माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ५०६ भा.द.सं. के अन्तर्गत ०५वर्ष के सश्रम कारावास व ३००० रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्त ०२ माह के अतिरिक्त कारावास व धारा ३७६ भा.द.सं. के अन्तर्गत १०वर्ष के सश्रम कारावास एवं १०,००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०६ माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






