झांसी। प्रयागराज महाकुंभ का भव्य समापन हाल ही में संपन्न हुआ, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा नदी में आस्था और भक्ति की डुबकी लगाई। इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान झांसी के स्टार्टअप “बेकार को आकार” ने प्रयागराज के सौंदर्यीकरण में अहम भूमिका निभाई।”बेकार को आकार” की संस्थापक श्रीमती नीलम सारंगी और सह-संस्थापक दीपांकर के नेतृत्व में उनकी टीम ने प्रयागराज के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों को कबाड़ से बनी कलाकृतियों से सुसज्जित कर आकर्षक दर्शनीय स्थलों में बदल दिया।जिनमें मुख्य रूप से सुंदरीकरण के लिए चयनित स्थान मंडपम चंद्रलोक चौराहा, एम.जी. मार्ग, फतेहपुर बिछुहा रोड, चाक भटाई, प्रीतम नगर और बस स्टैंड के आसपास के क्षेत्र।जिनमें रचनात्मक कलाकृतियाँ योग मुद्रा, सारस पक्षी की आकृति, शिव का डमरू बजाता हुआ हाथ, पानी की बूंद, सूर्य भगवान की आकृति, “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को दर्शाने वाली कलाकृति एवं दीवारों पर सुंदर पेंटिंग्स आदि कार्य किया गया। जिसमें कबाड़ से बनी इन कलाकृतियों में लोहे की कतरनें, साइकिल की चेन, प्लास्टिक की बोतलें, गरारी और अन्य अनुपयोगी वस्तुओं का उपयोग किया गया।”बेकार को आकार” की इस पहल ने न केवल प्रयागराज को सुंदर बनाने में योगदान दिया, बल्कि स्वच्छता, पुनर्चक्रण और सतत विकास का संदेश भी दिया। उनकी यह अभिनव पहल स्थानीय प्रशासन और नागरिकों के लिए प्रेरणादायक बनी, जिससे स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को नया आयाम मिला।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






