झांसी। रक्षा बंधन पर्व 11 अगस्त गुरुवार को ही है , बहनें किसी अफवाह पर ध्यान न दें , सुबह 9 बजे से राखी शुभ है ।। समझें शास्त्र नियम ,,,जो लोग 12 अगस्त की बात कर रहे हैं वह ठीक नही है ।क्योंकि 12 को सूर्योदय के पहले से ही धनिष्ठा नक्षत्र आ गया है जो पंचक का भी नक्षत्र है ।जबकि राखी श्रवण नक्षत्र में ही होती है ।पूरे दिन 12 को पड़वा तिथि है जो राखी व यात्रा के लिए ठीक नही है ।रक्षा बंधन केवल पूर्णिमा व श्रवण में ही होता है ।अतः 12 अगस्त को किसी भी तरह राखी पर्व उचित नही है ।अब आप समझे 11 को प्रातः 9 बजे बाद भद्रा लग रही है जो पूर्णिमा को पाताल लोक में रहेगी ।ज्योतिष शास्त्र ने स्पष्ट लिखा है कि पाताल लोक में भद्रा के रहते जो भी कार्य किये जाते है उनमें धन संपत्ति का लाभ होता है शुभ कार्यों में स्वर्ग व पाताल की भद्रा मनुष्य को सुख देती है ।।जैसे सूर्य ,चन्द्र ग्रहण जिस देश मे दिखता उसी में माना जाता है उसी तरह भद्रा जब जिस लोक में रहती उसी में मान्य होती है ।फिर भी जिनको भद्रा के प्रति शंका हो वह लोग 11 अगस्त को ही रात 8 ,30 बजे भद्रा समाप्त होने पर राखी बांध सकते है वह उचित है किंतु 12 अगस्त को कोई मुहूर्त राखी का शुभ नही हैं ।ग्रह नक्षत्र हमारे जीवन पर सीधा तत्काल प्रभाव डालते हैं ,इसलिए काशी के विद्वानों व शास्त्रों के निर्णय को मानना ही उचित होता है ।। सभी विद्वानों से प्रार्थना है कि एक मत रहें जिससे दूसरे पंथों के लोग हिंदुओं का उपहास न कर सकें ।। सेवक का परिचय आचार्य प0 हरिओम पाठक ,,सद्गुरु ,,ज्योतिष मर्मज्ञ ,साहित्याचार्य ,सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्व विद्यालय । एम ए दर्शन शास्त्र व पी एच डी वनारस हिंदू विश्व विद्यालय वाराणसी ।।संयोजक ,,अखिल भारत वर्षीय धर्म संघ प्रदेश धर्माचार्य प्रमुख ,विश्व हिंदू महासंघ उत्तरप्रदेश श्री महन्त ,श्री सिद्धेश्वर सिद्ध पीठ झांसी पारंपरिक गुरुकुल शिक्षा एवं दीक्षा ,,पूज्य स्वामी जी महाराज द्वारा ,पीतांबरा पीठ दतिया 1970 से 78 तक ।।वेद व धर्म शिक्षा ,पूज्य करपात्री जी महाराज के सान्निध्य में ,धर्म संघ मठ काशी 1979 से 81तक ।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






