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श्रीराधे प्रगट भई बरसाने मंगल बजत बधाई है..  -कुंजबिहारी मंदिर में धूमधाम से मनाई गयी राधाष्टमी – विशाल भण्डारे में श्रद्धालुओं को परोसे गये 21 प्रकार के व्यंजन, चाचर नृत्य के साथ जमकर झूमे श्रद्धालु, गाये बधाई गीत

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झाँसी। श्री राधे प्रगट भई बरसाने मंगल बजत बधाई है…। बस गये नैनन कुंजबिहारी जबसे देखी श्यामलि सूरत, टरत न छवि दृग टारी, मोर मुकुट मकराकृत कुण्डल, बाम अंग श्री प्यारी, प्रेम भक्ति दीजै मोह स्वामी अपनी ओर निहारी, रुप कुंवरि रानी के साधहु कारज सकल मुरारी। कवि की पंक्तियों में बरसाने की बखान की गई यह सुंदरता रविवार को ग्वालियर रोड सिविल लाइन स्थित कुंजबिहारी मंदिर में साक्षात झलक रही थी। मौका था अखिल ब्राह्मण्ड नायक भगवान कुंजबिहारी सरकार की प्राण प्रियतमा राज राजेश्वरी श्री राधा सर्वेश्वरी जू के पावन प्राकट्य महोत्सव का, भादौ माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी के दिन रविवार को ब्रज की लाडली का प्राकट्य महोत्सव कुंजबिहारी मंदिर में भारी हर्षोल्लास एवं धूमधाम से मनाया गया।

इस मौके पर गेंदा, गुलाब, चमेली के पुष्पों एवं लता-पताओं के बीच मंदिर में भव्य झाकियां सजायी गयी साथ ही रंग विरंगी विद्युत की अनौखी छटा से समूचा मंदिर परिसर जगमगा उठा। प्रात:काल मंदिर में विराजमान सभी विग्रह मूर्तियों का मंगल अभिषेक एवं श्रृंगार किया गया। प्रात: पांच बजे 108 कमल के फूलों से अभिषेक एवं मंगला आरती से शुरु हुआ दर्शनों का सिलसिला देर रात्रि तक चलता रहा। नौ बजे श्रृंगार आरती की गयी फिर शुरु हुआ समाज गायन फिर दोपहर राजभोग आरती की गयी।मंदिर के मुख्य द्वार की छटा निहारते ही वहां से गुजरते राहगीर बरबस रुक जाते और उनका मन भगवान के दर्शनों के लिये ठिठक जाता। शाम होते ही श्रद्धालुओं, महिला एवं पुरुषों की मंदिर में अपार भीड़ उमड़ पड़ी और भगवान के दर्शनों की एक झलक पाने को आतुर श्रद्धालु कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते देखे गये। यह सिलसिला देर रात्रि तक जारी रहा। सायंकाल 6 बजते ही मंदिर के कपाट खुले, तदुपरांत राधा रानी एवं भगवान कुंजबिहारी जू की महाआरती की गई, तदुपरांत दर्शनों का सिलसिला पुन:प्रारंभ हुआ। इस दौरान बुंदेलखण्ड के ख्याति लब्ध कलाकारों ने एक से बढकर बधाईगीत गाये, वहीं श्रीधाम वृंदावन एवं अयोध्या धाम से पधारे सखी बाबाओं ने भक्ति नृत्य किया तो युवाओं ने जमकर चार नृत्य किया।

बुन्देलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास के पावन सानिध्य में संगीत संध्या का आयोजन हुआ जिसमें समीर भालेराव, बंडू गोलवलकर, श्रीराम साहू, राघवेन्द्र शास्त्री, लखन साहू, संतोष पाठक, अभि, राज, गुरुजीत चावला, विनोद मिश्रा सहित बुन्देलखण्ड के ख्याति प्राप्त कलाकारों ने समाज गायन कर एक से एक बधाई गीत गाये। सारी दुनिया दीवानी राधारानी आपकी, कौन है जिस घर नहीं मेहरबानी आपकी, राधे तू बड़भागिनी कौन तपस्या कीन्ह, तीन लोक के हैं जो स्वामी वो तेरे आधीन, मन भूलमत जइयो राधारानी के चरन आदि बजते बधाई गीतों पर श्रीधाम वृन्दावन एवं अयोध्या से आये सखी बाबा की टोली ने मनमोहक नृत्य किया महंत राधामोहन दास महाराज ने सभी को बधाईयां लुटाई। दर्शन हेतु आये सभी भक्तों को भण्डारा प्रसाद में पत्तल पर 21 प्रकार के स्वादिस्ट व्यंजन परोसे गये। व्यवस्थापक पवनदास, पुजारी बालकदास एवं पुजारी मदनमोहन दास मनु महाराज ने संतजनों को प्रणाम कर आत्मीय स्वागत किया एवं व्यवस्थायें संभाली। अंत में बुन्देलखण्ड धर्माचार्य महंत राधामोहन दास ने सभी को शुभाशीष देते आभार व्यक्त किया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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