झांसी। जलाशयों की चैकिंग हेतु एक टीम गठित कर रैण्डम आधार पर मछली मण्डियो/जलाशयों/मत्स्याखेट से सम्बन्धित चिन्हित अन्य स्थानों की चैकिंग की जाये मत्स्य उत्पादन अनुभाग के विभाग के प्रबन्धान्तर्गत जलाशयों से 01 जुलाई से 31 अगस्त तक शिकारमाही प्रतिबन्धित की गयी है। साथ ही उ0प्र0 अधिनियम 1948 में भी अधिसूचित स्थलों पर प्रतिबन्धित अवधि में मत्स्याखेट निषिद्ध किया गया है। अग्रेत्तर जलाशय/तालाबों के ठेकेदारों के नाव एवं मत्स्याखेट से सम्बन्धित अन्य उपकरणों को दूरस्थ स्थलों पर संग्रहीत करा ले जिससे मत्स्याखेट की कोई सम्भावना न रहें। नावों को उल्टाकर रखवायें, पुष्टि स्वरूप जियोग फोटोग्राफ्स भी अभिलेखार्थ अनिवार्य रूप से प्रेषित करें, यदि अधिक निरीक्षण के समय प्रतिबन्धित काल में जलाशयों में शिकार होना पाया जाता है तो संबंधित जलाशय प्रभारी/जनपदीय अधिकारी का उत्तरदायित्व निर्धारित कर आवश्यक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी, जिसके लिए वह स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। उप निदेशक मत्स्य, झाँसी/चित्रकूटधाम मण्डल श्री ज्ञानेन्द्र सिंह द्वारा अपेक्षा की गयी है कि उक्त एक्ट एवं नियमावली/शासनादेशों के प्राविधानों के अनुसार अपने-अपने जनपदों में उक्त प्रतिबन्धों/सुसंगत नियमों के अनुसार प्रभावी कार्यवाही करते हुए प्रतिबिन्धत प्रजननशील मछलियों के आयात निर्यात/बिक्री पर रोकथाम/जलाशयों की चैकिंग हेतु एक टीम गठित कर रैण्डम आधार पर मछली मण्डियो/जलाशयों/मत्स्याखेट से सम्बन्धित चिन्हित अन्य स्थानों की चैकिंग की जाये तथा समय-समय पर की गयी कार्यवाही से इस कार्यालय को अवगत कराया जाना सुनिश्चित करें।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा





