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किशोरी का अपहरण का आरोप सिद्ध होने पर सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से किया

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झांसी। बहला फुसलाकर किशोरी के अपहरण का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो अधिनियम सहित बलात्कार),न्यायालय सं०- 9 फरीदा बेगम की अदालत में एक अभियुक्त को सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया। विशेष लोक अभियोजक चन्द्र प्रकाश शर्मा के अनुसार ग्राम सुल्तानपुरा निवासी वादी मुकदमा ने थाना चिरगांव में तहरीर देते हुए बताया था कि उसकी पुत्री “पीड़िता” उम्र करीब 16वर्ष 27 जुलाई 2015 को सायं 7 बजे शौच क्रिया के लिये गयी थी, तभी से उसका कोई पता नहीं चल रहा है। गांव तथा रिश्तेदारों के यहां पर भी देखा,परन्तु कुछ पता नहीं चल सका है। प्रार्थनापत्र के आधार पर अभियुक्त अज्ञात के विरूद्व धारा 363 भा०दं०सं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद पुनः तहरीर देते हुए वादी मुकदमा ने बताया था कि 27जुलाई 2015 को कोई अज्ञात लड़का बहला-फुसला कर उसकी पुत्री को भगा ले गया था जिसकी सूचना उसने थाने पर दी थी।अब उसको जानकारी हुई है कि उसकी लड़की “पीड़िता” को सुनील पुत्र स्व० भगवान दास निवासीः-ग्राम कोट बेहटा थाना प्रेमनगर बहला फुसलाकर ले गया है। जिसके बाद सुनील कुमार पुत्र भगवान दास निवासी कोट बेहटा के खिलाफ धारा- 363, 366, 376 भा०दं०सं० व 4 पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।विवेचना उपरांत पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त सुनील कुमार को धारा363 भा०दं०सं० के अपराध के लिए 03 वर्ष (तीन वर्ष) के सश्रम कारावास व 5,000 रूपये (पांच हजार रूपये) अर्थदण्ड ,अर्थदण्डअदा न होने पर एक माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास ,धारा 366 भादं०सं० के अपराध के लिए 07 वर्ष (सात वर्ष) के सश्रमकारावास व 10,000 रूपये ( दस हजार रूपये) अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न होने पर दो माह के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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