Home उत्तर प्रदेश प्राण घातक हमले का आरोप सिद्ध होने पर सात वर्ष का कारावास

प्राण घातक हमले का आरोप सिद्ध होने पर सात वर्ष का कारावास

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झांसी। लाठी, कुल्हाड़ी से हमला कर मरणासन्न करने का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या – 2,विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में पिता – पुत्र को सात – सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता देवेन्द्र पांचाल के अनुसार वादिनी मुकदमा श्रीमती रामकुमारी पत्नी बुद्ध सिंहने थाना चिरगांव में 03 सितंबर 2008 को तहरीर दी थी कि ” आज मेरा पति बुद्ध सिंह’,बैजनाथ सोनी और मैं अपने चबूतरे पर बैठे आपस में बातें कर रहे थे तभी समय करीब 7 बजेमेरे पड़ोसी शंकर दयाल पुत्र किशोरी लाल सोनी अपने हाथ में हंसिया व धर्मेन्द्र उर्फ नवनीत पुत्र शंकर दयाल सोनी हाथ में लोहनीदार लाठी व नवल किशोर उर्फ नरेन्द्र पुत्र शंकर दयाल सोनी अपने हाथ में कुल्हाड़ी लेकर गालियां देते हुए मेरे मकान के सामने आये और कहने लगे कि तुम हमेशा हम लोगों के ग्राहकों को तोड़ते हो। इतना कहते हुए अपने- अपने हाथों में लियेहंसिया,कुल्हाड़ी व लाठी से हम लोगों की मारपीट करने लगे। मेरे पति के चोट लगने से वह मौके परबेहोश होकर गिर पड़े थे। मेरे भी चोटें आईं, चिल्लाने पर गांव के तमाम लोग आ गये। उन लोगों ने मुझे व मेरे पति को बचाया तो वह लोग जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये। मेरे पति के सिर व शरीर में गंभीर चोटें आई हैं तथा मेरे भी चोटें आई हैं। वादिनी मुकदमा श्रीमती राम कुमारी की तहरीर के आधार परअभियुक्तगण शंकर दयाल, धर्मेन्द्र उर्फ नवनीत व नवल किशोर उर्फ नरेन्द्र के विरूद्ध धारा 308,324, 323, 504, 506 भा०दं०सं० के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया।थाना चिरगांव पुलिस द्वाराअभियुक्तगण शंकर दयाल, धर्मेन्द्र उर्फ नवनीत एवं नवल किशोर उर्फ नरेन्द्र कुमार के विरूद्ध धारा- 308,323,324,325, 504, 506 भा०दं०सं० के अन्तर्गत आरोप पत्र विचारण हेतु न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।जहां अभियुक्त नवल किशोर उर्फ नरेन्द्र कुमार को घटना की तिथि पर बाल अपचारी घोषित करते हुए उसकी पत्रावली पृथक कर किशोर न्यायालय विचारण हेतु प्रेषित की गई। उक्त मामले में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध अभियुक्तगण शंकर दयाल व धर्मेन्द्र उर्फ नवनीत को धारा-308 भा०दं०सं० में 7 वर्ष के सश्रम कारावास तथा 20,000 रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा-324 भा०दं०सं० में 3 वर्ष के कारावास तथा 3,000 रूपये के अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर 15 दिन के अतिरिक्त कारावास,धारा-325 भा०दं०सं० में 5 वर्ष के कारावास तथा 5,000 रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास, धारा-504 भा०द०सं० में 2 वर्ष के कारावास तथा 2,000 रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड अदा न करने पर 10 दिन के अतिरिक्त कारावास ,धारा 506 भा०दं०सं० में 5 वर्ष के कारावास तथा 10,000 रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर दो माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गयी।दोषसिद्ध अभियुक्तगण पर अधिरोपित कुल अर्थदण्ड की धनराशि का 50 प्रतिशत धनराशि वादिनी मुकदमा श्रीमती रामकुमारी प्रतिकर के रूप में नियमानुसार पाने की अधिकारी होगी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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