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बढ़ती शिक्षा महंगाई तोड़ रही अभिभावकों की कमर, आय में वृद्धि न होने से परिवार चलाना हो रहा मुश्किल

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झांसी। बढ़ती शिक्षा की महंगाई के चलते आम लोगों का परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है। आय में वृद्धि न होने से बच्चों को उच्च शिक्षा देकर उनका भविष्य बनाने के चक्कर में आम जन अपनी खुशियों का गला घोंट रहे है। चंद ठेकदारों ने शिक्षा पर शिकंजा कस लिया है। सांप की तरह कुंडली बनाए बैठे है। लेकिन इस और किसी का ध्यान नहीं जा रहा है।
निजी विद्यालयों में आमजन अभिभावकों का अपने बच्चों को पढ़ा लिखा उनका उच्च भविष्य बनाने का सपना अधूरा सा दिखाई देने लगा है। इसके पीछे कुछ शिक्षा माफियाओं द्वारा स्कूल कॉलेज की कॉपी किताबों तो ठीक है लेकिन अब जूते, मोजे, टाई ड्रेस आदि की ठेकेदारी शुरू कर दी गई है। कुछ निजी स्कूल मन माफिक अभिभावकों से पढ़ाई की फीस तो लेते ही है। लेकिन अब शिक्षा माफियाओं के साथ सांठगांठ कर शहर की चुनिंदा बुक स्टोरों पर ही कॉपी किताब, ड्रेस मोजे, जूते टाई आदि की बिक्री करा रहे है। यहां भी इक अभिभावक अपने बच्चों का कोर्स लेने जाते है, तो उन्हे ऐसे लाइन में खड़ा होना पड़ता है मानो राशन की दुकान से सरकार से मिलने वाला फ्री राशन लेने आए हो। यही नहीं इन बुक स्टोर वालों का अभिभावकों और स्कूली बच्चों के साथ व्यवहार भी ठीक नहीं रहता है। फिक्स दामों में कॉपी किताब पर कोई छूट नही दी जाती। सूत्र बताते है कि बुक स्टोर और शिक्षा माफियाओं का गठबंधन है, जिन निजी स्कूल का कोर्स चुनिंदा बुक स्टोर पर मिलता है, उनका कमीशन स्कूल तक पहुंच जाता है। ऐसे में शिक्षा माफिया, ठेकेदारों से घिरे अभिभावक अपने बच्चों का भविष्य बनाने के चलते चुप चाप लूट का शिकार हो जाता है। कुछ निजी स्कूलों का कोर्स इतना महंगा हो गया है कि आमजन को अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के चलते उनकी पूरी मासिक आय एक बार में ही खत्म हो जाती है। ऐसे में आमजन को अपना परिवार चलाना काफी मुश्किल हो रहा है। लोग लगातार इस शिक्षा के नाम पर चल रही लूट खसोट पर रोक लगाने को लगातार चिल्ला रहे है। लेकिन उनकी आवाज ऊपर तक नहीं पहुंच रही। एक तो स्कूल का कोर्स महंगा ऊपर से आय में वृद्धि न होना आमजन की पूरी कमर तोड़ रहा है। ऐसे में लोगों का स्कूल की पढ़ाई लिखाई के चलते त्योहारों का रंग भी फीका पड़ रहा है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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