झाँसी। रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी अपने गौरवशाली 11वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य समारोह आयोजित कर रहा है। इस अवसर को विशेष बनाने के लिए दिनांक 5 से 7 मार्च 2025 तक राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, इसका मुख्य विषय “शुष्क भूमि क्षेत्रों में टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए विस्तार रणनीतियाँ” रहेगा।स्थापना दिवस समारोह एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमविश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह एवं निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह ने बताया कि 5 मार्च 2025 को विश्वविद्यालय के 11वें स्थापना दिवस पर विशेष आयोजन किए जाएंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी एवं शिक्षक विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह आयोजन न केवल विश्वविद्यालय के शैक्षणिक व शोध कार्यों की उपलब्धियों को रेखांकित करेगा, बल्कि विद्यार्थियों एवं संकाय सदस्यों के लिए एक प्रेरणादायक मंच भी प्रदान करेगा।तीन दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन – नवाचार एवं रणनीतियों पर गहन चर्चा5 से 7 मार्च 2025 तक चलने वाले इस राष्ट्रीय सम्मेलन में 100 से अधिक वैज्ञानिक, शोधकर्ता, कृषि अधिकारी एवं विषय-विशेषज्ञ भाग लेंगे। सम्मेलन का उद्देश्य शुष्क भूमि क्षेत्रों में खाद्य सुरक्षा, कृषि नवाचार, संसाधन प्रबंधन एवं सतत् विकास के लिए नवीनतम तकनीकों और रणनीतियों पर मंथन करना है।इस महत्वपूर्ण सम्मेलन के मुख्य अतिथि होंगे – डॉ. त्रिलोचन महापात्रा, जो कि पौध किस्म और कृषक अधिकार संरक्षण प्राधिकरण के चेयरमैन हैं। वे कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के पूर्व सचिव तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के पूर्व महानिदेशक भी रह चुके हैं।सम्मेलन के विशेष अतिथि होंगे – पद्मश्री प्रोफेसर अरविंद कुमार, जो रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी के संस्थापक कुलपति रह चुके हैं।सम्मेलन के प्रमुख विषय एवं चर्चाएँइस तीन दिवसीय आयोजन में विशेषज्ञों द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर गहन मंथन किया जाएगा –शुष्क भूमि कृषि में सतत् खाद्य उत्पादन प्रणालियाँजल संरक्षण एवं सिंचाई की उन्नत तकनीकेंमृदा प्रबंधन एवं पोषक तत्वों का संतुलनजैविक कृषि एवं प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोगतकनीकी नवाचार एवं डिजिटलीकरण के माध्यम से कृषि विस्तारकिसान कल्याण एवं नीति निर्माण के प्रभावराष्ट्रीय स्तर पर कृषि अनुसंधान को मिलेगी नई दिशायह सम्मेलन कृषि क्षेत्र में काम कर रहे वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और नीति-निर्माताओं को अपने विचार, शोध निष्कर्ष और अनुभव साझा करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। इस आयोजन से शुष्क भूमि क्षेत्रों में कृषि के सतत विकास हेतु नए समाधान एवं रणनीतियाँ विकसित करने में सहायता मिलेगी, जिससे भारत के किसानों को व्यापक लाभ होगा।रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी भारत में कृषि अनुसंधान, शिक्षा और विस्तार के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान के रूप में कार्य कर रहा है। इस सम्मेलन से विश्वविद्यालय की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएंगी तथा कृषि के क्षेत्र में नवाचार और सतत् विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






