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पॉलिटेक्निक गैंगरेप कांड : सभी आठ आरोपियों को आजीवन कारावास, शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह ने की ठोस पैरवी, पीड़िता को मिला 23 माह बाद इंसाफ, एस आई विक्रांत ने बचाई निर्भया कांड से बड़ी घटना

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पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार सिंह

झांसी। करीब 23 माह पूर्व जनपद के पॉलिटेक्निक कॉलेज में दिन दहाड़े हुए दिल दहला देने वाला छात्रा के साथ गैंगरेप कांड की घटना को अंजाम देने वाले सभी आठ आरोपियों को आज न्यायालय ने सुनवाई के दौरान आरोपी पक्ष की दलील सुनने के बाद पीड़िता को न्याय दिलाने तथा इस गैंगरेप कांड की घटना को जघन्य अपराध मानते हुए सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह ने ठोस पैरवी करते हुए आरोपियों को सजा दिलाई और पीड़िता को 23 माह बाद इंसाफ मिला। इस पूरे घटना क्रम को निर्भया कांड से बड़ा होने से बचाने में झांसी पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एस आई विक्रांत की तत्परता काम आई। अगर विक्रांत समय पर नहीं पहुंचता तो यह घटना देश की सबसे बड़ी चर्चित निर्भया कांड घटना से भी बड़ी घटना बनती। 33 गवाह गुजरे, सभी गवाह पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए संकल्पित रहे ओर आखिरकार इंसाफ मिल गया। सोमवार को अपर जिला जज कक्ष संख्या 9 में पॉलिटेक्निक कॉलेज में 23 माह पूर्व 10 अक्टूबर 2020 को दिन दहाड़े नाबालिग छात्रा से गैंगरेप, लूटपाट मारपीट करने वाले सभी आठ आरोपी रोहित, भरत निवासी महोबा, धर्मेंद्र सेन निवासी रानीपुर, मोनू पार्या निवासी रानीपुर, शैलेंद्र नाथ पाठक निवासी गोंडा, मयंक शिवहरे निवासी टहरोली, संजय कुशवाह निवासी महोबा, विपीन निवासी प्रयागराज को जिला कारागार से पुलिस अभिरक्षा में सोमवार को दोपहर बारह बजे न्यायालय में पेश किया गया। जहां आरोपियों की ओर पक्ष रखते बताया गया की सभी आरोपी पढ़ने वाले छात्र है, ओर उनके खिलाफ पूर्व में कोई अपराध दर्ज नही है। वही अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार सिंह ने पीड़िता की ओर से पक्ष रखते हुए बताया की नाबालिग छात्रा से गैंगरेप एक जघन्य अपराध है, जो माफी और सजा कम करने लायक नही है। सुनवाई कर रहे अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 9 ने आरोपी पक्ष की दलील को खारिज करते हुए सभी आठों आरोपियों को गैंगरेप और पोस्को एक्ट में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय ने माना आरोपियों ने जो गुनाह किया वह माफी करने लायक नही और अगर घटना के समय पुलिस समय पर नहीं पहुंचती और और भी बड़ी घटना हो सकती थी। सजा का ऐलान होने के बाद सभी आरोपियों को पुलिस अभिरक्षा में दोपहर बाद न्यायालय से जिला कारागार में बंद कर दिया गया है।मालूम हो की 23 माह पूर्व 10 अक्टूबर 2020 को दिन दहाड़े पॉलिटेक्निक कॉलेज में नाबालिग छात्रा से आठ आरोपियों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। इस घटना से जिला ही नही पूरा प्रदेश हिल गया था। तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार पी, ओर डीएम आंद्रा वामसी के निर्देशन मे गठित पुलिस टीमों ने चोबीस घंटे में सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और पुलिस ने आरोपियों को अधिक से अधिक सजा देने के लिए रासुका की भी कार्यवाही की थी। यह घटना बड़ी घटना निर्भया कांड से बड़ी घटना बन सकती थी। अगर पुलिस कंट्रोल रूम में तैनात एस आई विक्रांत समय पर नहीं पहुंचता। वही आरोपी पक्ष ने अपने बचाव में हाई कोर्ट में भी अपील की थी। लेकिन घटना जघन्य अपराध होने पर आरोपियों की माफ करने लायक नही है। अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 9 में छह माह में ही सुनवाई करते हुए फैसला सुना दिया। इस घटना में आरोपियों को सजा दिलाने और पीड़िता को हर हाल में न्याय दिलाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार इस मामले में शासकीय अधिवक्ता से लगातार मॉनिटरिंग कर रहा था।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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