झांसी। रविवार को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय झांसी के संगीत गायन विभाग के विभागीय परिषद द्वारा आयोजित ए.नी.पी. के बी.ए. प्रथम सेमेस्टर यूनिट 5 के अंतर्गत ताल माला श्रृंखला भाग -1 विषय तालो का परिचय स्वरूप एवं लकारिया पर दिन में 12:00 बजे से गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भगवान दीन आर्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय लखीमपुर खीरी की तबला विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर श्रीमती शिवांगी सक्सेना जी थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर बी.बी. त्रिपाठी जी ने किया। कार्यक्रम का संयोजन संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दीप सिंह ने किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ने अपने व्याख्यान के माध्यम से संगीत में तारों का महत्व एवं तीन ताल एक ताल कहरवा ताल दादरा ताल का परिचय स्वरूप एवं उनमें दुगुन तिगुन चौगुन की लकारीयो को बोलकर एवं तबले पर बजाकर भी दिखाया। तीन ताल को उन्होंने संपदी ताल एवं ताल का राजा भी कहा। दादरा एवं कहरवा को भजन गजल तथा लोकगीतों में प्रयोग होने वाली ताल बताया। साथ ही संगीत के क्षेत्र में आयाम एवं रोजगार परक संभावनाओं एवं क्षेत्रों की जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य महोदय ने वैदिक काल के वेदों के कुछ श्लोक के माध्यम से तालो की महत्ता बताई एवं अच्छे शिक्षकों के गुणों से भी सभी को परिचित कराया। कार्यक्रम में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई राजकीय महिला महाविद्यालय की छात्राओं के साथ ही साथ भवानी दीन आर्य कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय की छात्राओं ने भी प्रतिभाग किया। अंत में कार्यक्रम के संयोजक संगीत विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ दीप सिंह ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य वक्ता प्राचार्य एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक गण तथा दोनों महाविद्यालयों से जुड़ी छात्राओं को कार्यक्रम में उपस्थित होने हेतु सभी का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया कार्यक्रम का संचालन बीए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा यासु निषाद ने किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






