झांसी। झांसी को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए एक और शासन प्रशासन लगातार मेहनत कर रहा है। वही दूसरी ओर शासन प्रशासन के साथ उनका सहयोग कर झांसी को स्मार्ट सिटी बनाने में सहयोग कर रहे एनजीओ पर फर्जी मनगढ़ंत आरोप लगाकर शोशल मीडिया पर छवि धूमिल करने वाले लोगों को मानहानि का नोटिस मिलते ही वह तिलमिला गए। अब सभी अवैध कब्जा धारी मजदूरों के कंधे पर बंदूक रखकर एनजीओ पर गुंडा टैक्स मांगने का आरोप लगाकर एसएसपी को शिकायती पत्र देने पहुंच गए।जानकारी के मुताबिक कचहरी चौराहे से सदर बाजार जाने वाले मार्ग पर सरकारी जमीन पड़ी है। इस जमीन पर बड़े बड़े माफियाओं ने अपने वाहन खड़े कर कब्जा कर लिए थे। गरीब मजदूर वर्ग के लोगों को ठेला दुकान संचालित करने के लिए माफियाओं ने चालीस से पचास हजार रुपया लेकर गरीबों के ठेके और अवैध दुकानें लगवा दी। दुकान और ठेके लगने से सदर बाजार क्षेत्र में अतिक्रमण बना रहता है, साथ ही इन ठेलों और अवैध दुकानों पर देर रात रात अराजक तत्व के लोग शराब पीकर उत्पात भी मचाते है। जनता की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए लगातार जनहित का कार्य कर रही आसरा एनजीओ ने नगर निगम को शिकायत करते हुए माफियाओं से सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने और वहां ठेला दुकान लगाए गरीब लोगों को एक उचित स्थान देने ताकि वह लोग अपने परिवार का जीवन यापन कर सके। इसकी मांग की थी। जिस पर एक्शन होते ही माफियाओं में हड़कंप मच गया था और गरीब दुकानदारों से सोशल मीडिया पर एनजीओ के खिलाफ भ्रामक मनगढ़ंत आरोप लगवा कर एनजीओ की छवि धूमिल करने का प्रयास किया था। क्योंकि जब इन गरीब दुकानदारों को दूसरी जगह स्थान मिल जायेगा तो माफियाओं की दुकानदारी बंद हो जाएगी। इसलिए यह पूरा प्रायोजित कर गरीब दुकानदारों को गुमराह कर आरोप प्रत्यारोप लगवाए गए। जिस पर एनजीओ ने अधिवक्ता के माध्यम से एनजीओ की छवि धूमिल करने वालों को नोटिस जारी कर मानहानि का आरोप लगा कर भरपाई की मांग की। अधिवक्ता का नोटिस मिलते ही कब्जा धारी माफिया बोखलागाए ओर थाना एसएसपी कार्यालय पहुंच कर अब एनजीओ पर गुंडा टैक्स वसूली का आरोप लगा रहे है। फिलहाल अब मामला पुलिस के पाले में पुलिस इसकी जांच करेगी। जांच में साबित होगा कौन दोषी है और कौन निर्दोष। फिलहाल इस तरह की हरकतों से योगी सरकार का झांसी को स्मार्ट सिटी बनाने का दावा पूरा नहीं हो पाएगा।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






