झांसी। आज मण्डलायुक्त बिमल कुमार दुबे की अध्यक्षता में “आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस)” के सर्वेक्षण हेतु “मण्डल स्तरीय 03 दिवसीय प्रशिक्षण गोष्ठी” के आयोजन का शुभारम्भ विकास भवन सभागार में किया गया।
गोष्ठी का शुभारम्भ मण्डलायुक्त सहित अन्य अधिकारियों द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इसके पश्चात मण्डलायुक्त का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।
“आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण” प्रशिक्षण गोष्ठी में मण्डलायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों एवं सर्वेक्षकों को निर्देशित करते हुये कहा कि भारत में डाटा की महत्वपूर्णता पर आजादी के समय से ही ध्यान दिया गया है, इस हेतु तत्कालीन शासकों द्वारा “इंडियन सांख्यिकी संस्थान” की स्थापना की गयी, जिसका मुख्यालय कोलकाता में स्थित है। आज के समय में सर्वे का कार्य बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किया जा रहा है। शासन के निर्देशानुसार यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला स्तर पर रोजगार-बेरोजगारी की स्थिति के आंकलन हेतु दिया जा रहा है। इस कार्य में संलग्न अधिकारी एवं कार्मिक प्रशिक्षण सत्र में पूर्ण निष्ठा एवं मनोयोग के साथ प्रशिक्षण प्राप्त करें, जिससे प्रदेश सरकार द्वारा कराया जा रहा यह सर्वेक्षण कार्य अपने सफलतम रुप को धारण कर सके। “आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण” दो प्रकार से डाटा एकत्र करता है-सामान्य स्थिति (यूएस) और वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस)। सामान्य स्थिति के तहत सर्वेक्षण उत्तरदाता को पिछले 01 वर्ष से अपने रोजगार के विवरण प्रदान करना होता है, जबकि वर्तमान साप्ताहिक स्थिति के तहत सर्वेक्षण उत्तरदाता को पिछले 01 सप्ताह का अपने रोजगार की स्थिति का विवरण प्रदान करना होता है।
गोष्ठी में उप निदेशक अर्थ एवं संख्या विभाग एस0एन0 त्रिपाठी ने बताया कि “आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण” का सर्वेक्षण देश में रोजगार एवं बेरोजगारी की स्थिति का आंकलन करने के लिए राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) एवं सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई), भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017 में प्रारम्भ किया गया। इसके पूर्व राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा प्रत्येक 05 वर्ष के अन्तराल पर यह सर्वेक्षण कराया जाता रहा है। उन्होने कहा कि वर्ष 2011-12 में यह सर्वेक्षण रोजगार-बेरोजगारी सर्वेक्षण के नाम पर कराया गया था। यह सर्वेक्षण वर्ष 2017 से आवधिक आधार पर कराया जा रहा है, जिससे नगरीय रोजगार-बेरोजगारी की स्थिति का आंकलन प्रत्येक तीन महीने में किया जाता है। वर्तमान में भारत सरकार द्वारा यह सर्वेक्षण वर्ष 2025 में भी कराया जा रहा है, जिसके सफल संचालन हेतु यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। उन्होने कहा कि सर्वेक्षक द्वारा नमूना आधारित ग्राम/नगरीय खण्ड में कैपी के माध्यम से हाउस होल्ड सर्वेक्षण किया जायेगा। सर्वेक्षण उपरान्त प्राप्त आंकड़ों से तैयार रिपोर्ट के आधार पर जनपद में श्रम बल की वास्तविक स्थिति उजागर हो सकेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के प्रशिक्षणदाता गौरव शर्मा एवं वरिष्ठ सांख्यिकी अधिकारी श्री मनोज यादव द्वारा “आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण” के सर्वे कार्य हेतु प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस अवसर पर गौरव शर्मा ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण अण्डमान निकोबार द्वीपसमूह को छोड़कर सम्पूर्ण भारत में आयोजित कराया जा रहा है। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण भारत सरकार की राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा वर्ष 2017-18 से प्रारम्भ किया गया। उत्तर प्रदेश राज्य को वन ट्रिलियन डाॅलर की अर्थ व्यवस्था बनाये जाने के उद्देश्य से कृषि, विनिर्माण, सेवाओं और अन्य बुनियादी ढांचे जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करके राज्य के सकल राज्य घरेलु उत्पाद (जीएसडीपी) को वन ट्रिलियन डाॅलर बनाया जाना है, इस उद्देश्य को क्रियान्वित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के प्रत्येक जनपद में माह जुलाई 2025 से जून 2026 के मध्य श्रम बल सर्वेक्षण (एलएफएस) और वार्षिक सर्वेक्षण अनिगमित क्षेत्र उद्यम (एएसयूएसई) सर्वे कराया जा रहा है, जिससे जिला घरेलू उत्पाद (डीडीपी) का आंकलन किया जा सके। श्रम बल सर्वे एक बहुत ही महत्वपूर्ण सर्वेक्षण है, जिसे प्रदेश का अर्थ एवं संख्या प्रभाग अपनी देखरेख में सम्पन्न करा रहा है। सर्वेक्षण के आंकड़ों से रोजगार-बेरोजगारी के विभिन्न संकेतकों यथा श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर), श्रमिक जनसंख्या अनुपात (डब्ल्यूपीआर), बेरोजगारी दर (यूआर) का आंकलन जनपद स्तर पर किया जायेगा। श्रम बाजार से सम्बन्धित आंकड़े यथा रोजगार, बेरोजगारी, कार्यबल भागीदारी दर और कार्यरत जनसंख्या अनुपात को नियमित समय पर एकत्र करना है। इस 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रथम 02 दिवस प्रशिक्षण एवं अन्तिम दिवस क्षेत्र में स्थलीय सर्वे का प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी झांसी डाॅ0 अर्चना सिंह, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी सुजान सिंह लोधी ग्रुप-ए, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी जालौन नीरज कुमार, अपर सांख्यिकीय अधिकारी झांसी मण्डल श्रीमती सुमन, अपर सांख्यिकीय अधिकारी झांसी मण्डल डाॅ0 निशा, अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील कुमार सहित जनपद जालौन एवं ललितपुर के अपर सांख्यिकीय अधिकारीगण तथा प्रगणक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


