झांसी। हत्या कर फांसी के फंदे पर लटकाए जाने के मामले में सत्र न्यायाधीश ज़फ्रीर अहमद, की अदालत में एक हत्यारोपी का जमानत प्रार्थनापत्र निरस्त कर दिया गया।जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कान्त श्रीवास्तव ने बताया कि वादी मुकदमा सतेन्द्र कुमार द्वारा २१ मार्च २०२३ को थाना मऊरानीपुर में तहरीर देते हुए बताया था कि उसका भतीजा १४ मार्च २०२३ को कोंचिग पढ़ाने की कहकर घर से निकला था,समय करीब ११.३० बजे. रानीपुर से एक लड़की काफोन आया कि भावना अथाईपुरा रानीपुर से बोल रही हूं, मैने आपके भतीजे को फोन करके अपनी मर्जी से बुलाया है। हम दोनों में कुछ बात विवाद होने पर उन्होने फांसी लगा ली। मैं शैलेन्द्र कुमार को लगभग ५ साल से जानती हूं, आप आ जाओ ।इस बात को सुनकर वादी व अन्य लोग अथाई पुरा रानीपुर पहुंचे तो पड़ोसियों से पता चला कि शैलेन्द्र उर्फ देव द्रोपदी राय के मकान में लगभग ९ माह से किराये से रहता है और भावना आर्य से काफी घनिष्ठ सम्बन्ध है, जब इनमें वाद विवाद हो रहा था तो मौके पर भावना आर्य व नरेन्द्र आर्य पुत्र बालकिशुन आर्य व प्रेमकुमारी उर्फ पिन्की पुत्र जगदीश सैनी व अर्जुन पुत्र जगदीश सैनी निवासी झंडापुरा रानीपुर थानामऊरानीपुर मौके पर थे। भतीजे को मारकर अपना कृत्य छिपानेके लिये फांसी पर लटका दिया। तहरीर के आधार पर धारा- ३०२, २०१, ३४ भा०दं०सं०के तहत थाना मऊरानीपुर में मुकदमा पंजीकृत किया गया। उक्त मामले में अभियुक्त अर्जुन सैनी पुत्र जगदीश सैनी निवासी झण्डापुरा रानीपुर का जमानत प्रार्थना पत्र न्यायालय में निरस्त कर दिया गया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा





