Home उत्तर प्रदेश मत्स्याखेट/शिकारमाही पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित 01 जुलाई से 31 अगस्त तक

मत्स्याखेट/शिकारमाही पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित 01 जुलाई से 31 अगस्त तक

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झांसी । मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य दीपमाला सिंह ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार समस्त तालाबों, जलाशयों, नदियों/नालों एवं समस्त जलधाराओं से 01 जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक शिकारमाही/मत्स्याखेट प्रतिबन्धित रहेगी। उक्त आदेश जनपद झांसी के सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों/नालों एवं समस्त जलधाराओं पर प्रभावी होंगे। कोई भी व्यक्ति विस्फोटक पदार्थ अथवा कृषि रक्षा एवं व्यापारिक कार्य में प्रयुक्त होने वाले विषैले रसायन से मछली नहीं मारेगा।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य ने बताया कि सभी तालाबों, जलाशयों, नदियों/नालों एवं समस्त जलधाराओं में 01 जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक प्रजननशील मछलियों का मत्स्याखेट/शिकारमाही पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्धित रहेगा और न ही बेचेगा और पूर्णरूप से आयात निर्यात पर रोक रहेगी तथा कोई भी मछुआरे 15 जुलाई से 30 सितम्बर तक मत्स्य जीरा अथवा मत्स्य अंगुलिका (2 से 10 इंच) आकार की न ही पकड़ेगा और न ही बेचेगा।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति जनपद झांसी के अन्तर्गत प्राकृतिक जलधाराओं को रोकने हेतु कोई अवरोध नही लगायेगा और न ही मत्स्य जीरा, मत्स्य अंगुलिका और प्रजननशील मछलियो को नही पकड़ेगा अथवा न ही नष्ट करने का प्रयास करेगा। उक्त प्रतिबंधों के उल्लंघन की स्थिति में उ०प्र० मत्स्य अधिनियम 1948 में निहित प्राविधानों के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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