Home उत्तर प्रदेश महाकाली मंदिर व्यक्तिगत नही, कोर्ट ने खारिज की स्टे याचिका

महाकाली मंदिर व्यक्तिगत नही, कोर्ट ने खारिज की स्टे याचिका

25
0

झांसी। प्राचीन सिद्ध पीठ महाकाली विद्या पीठ मंदिर किसी पर काबिज होने को लेकर चल रही रस्साकसी पर आज न्यायालय ने प्रतिबंध कर दिया है। न्यायालय ने एक पक्ष द्वारा मंदिर पर अपना अधिकार जमाने को लेकर डाली गई स्टे की याचिका को खारिज करते हुए मंदिर पर सभी का अधिकार होने का आदेश दिया है। अधिवक्ता देवेंद्र कुमार, रोहित गुप्ता, क्षतिज झारखड़िया एडवोकेट ने जानकारी देते हुए बताया की लक्ष्मी गेट बाहर स्थित प्राचीन महाकाली विद्या मंदिर पीठ के पुजारी अरुण कुमार और अजय कुमार ने फर्जी दस्तावेज लगाकर खुद को सम्पूर्ण स्वामी बताकर मंदिर पर कब्जा जमाने का प्रयास करते हुए सिविल जज सीनियर डिविजन न्यायालय में स्टे के लिए याचिका दायर की थी। जिस पर विजय त्रिवेदी, गोपाल त्रिवेदी, रंजित पांडे और अजय पांडे की ओर से पैरवी करते हुए उच्च न्यायालय के आदेश का हवाला देकर स्टे की याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए पूर्व न्यायालय के आदेश सभी का अधिकार होने वाले आदेश को बरकरार रखने की मांग की थी। जिसकी दिन प्रतिदिन सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आज स्टे की याचिका को खारिज कर सभी को पूर्व न्यायालय के आदेश का पालन करने सभी का अधिकार होने का आदेश सुनाया। आपको बता दे की यह मंदिर के पूर्व पुजारी स्व. पंडित प्रेम नारायण त्रिवेदी थे। इनके बाद मंदिर की देखभाल करने के लिए बकायदा स्टांप नोटरी जरिए चार लोगों को हरिनिवास त्रिवेदी, श्री निवास त्रिवेदी, विष्णु कांत त्रिवेदी और रमाकांत त्रिवेदी के नाम किया गया था। इनके बाद इनके बच्चों के हिस्से में आया है। सभी को मंदिर की देख भाल के लिए एक एक वर्ष का समय दिया गया है। जिसमे वर्तमान में मंदिर की देखरेख कर रहे पुजारी का समय बीत गया है और वह तय नियम के मुताबिक दूसरे को मंदिर सौंपना नही चाहते इसी बात का विवाद गहरा गया था। जिसे आज न्यायालय ने साफ कर दिया है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here