झांसी। वर्ष 2008 में बोरे में बंद मिली युवक की लाश के मामले में दर्ज हुए हत्या के मुकदमे में आरोपी पर दोष सिद्ध हो गया। जिस पर अपर सत्र न्यायाधीश विकास सागर की अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा और दस हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।अभियोजन की ओर पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने जानकारी देते हुए बताया की 4 मार्च 2008 को खुशी पुरा निवासी सूरज ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था की उसके भाई विशाल उर्फ धर्मेंद्र को नंदन पुरा निवासी शीलू और उसका साथी मसीहा गंज निवासी मनोज घर से जबरन अपने साथ ले गए और उसे पुरानी रंजिश के चलते सीपरी बाजार स्थित कलारी पर शराब में जहर देकर उसे पीला दी। इसके बाद उसके भाई को खालसा स्कूल के पास एक झोपड़ी में ले गए जहां उसकी मौत हो गई। घटना को छुपाने के उद्देश्य से शीलू और मनोज ने उसके भाई के शव को बोरे में रखकर कोतवाली क्षेत्र के बड़ागांव गेट बाहर नारायण बाग के पास फेंक दिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेज दिया था। इस मुकदमे की सुनवाई कर रही अपर सत्र न्यायालय ने आज आरोपी मनोज पर हत्या कर साक्ष्य छुपाने का आरोप सिद्ध होने पर उसे आजीवन कारावास की सजा और दस हजार रुपया अर्थदंड जमा करने का आदेश दिया। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने की थी।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






