झांसी। मैक्स हॉस्पिटल वैशाली ने घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी में हुई प्रगति पर आयोजित किया जागरूकता सत्र झासी, 23 फरवरी 2023: घुटना प्रत्यारोपण तकनीकी के क्षेत्र में हाल के दिनों में हुई प्रगति न केवल गेम चेंजर साबित हुई है. बल्कि वास्तव में घुटने में गंभीर दर्द ऑस्टियोआर्थराइटिस मरीजों के जीवन की गुणवत्ता में भी इजाफा हुआ है मरीजों की शुरुआती पहचान के करने और समय पर उपचार से जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने को लेकर मेक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल वैशाली ने आज मरीजों के लिए जागरुकता रात्र आयोजित किया. इस अवसर पर आपिडिक्स एंड पॉइट रिप्लेसमेंट, मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के एसोसिएट डॉक्टर यादव के साथ ही झासी के निवासी दो मरीण 67 साल की उमा गुप्ता और हर साल के डॉक्टर प्रदीप पांडेय भी मौजूद रहे जिनकी नीअराइटिस का उनकी देखरेख में उपचार किया गया था और सफत रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई थी. घटना के बाद इससे जुड़ेमिथक तोड़ते हुए ये दोनों पूरी तरह स्वस्थ है और इस तथ्य की गवाही देते है कि एक व्यक्ति सामान्य स्वस्थ और दर्द सकता है जीवन मुक्त एक आयोडिक सर्जन की मा6 साल की श्रीमती उमा गुप्ता छह सात से अधिक समय से दोनों घुटनों में गंभीर दर्द से पीडित थीं जो दवा और फिजियोरपीसेस के बावजूद कम नहीं हो रहा था. पिछले छह से 12 महीने में उनका दर्द इस कदर बढ़ गया था कि उन्हें चलने में, दैनिक गतिविधियों में भी परेशानी होने लगी थी और जीवन की गुणवत्ता पूरी तरह से प्रभावित हो गई थी. असहनीय दर्द और घुटने के मूतने में समस्या के साथ वह हॉस्पिटल वैशाली पहुंची थी हटेल टेस्ट से पता चला कि उनके दोनों घुटनों में ऑस्टियोआर्थराइटिस हो गया है. उन्हें दोनों घुटनों के प्रत्यारोपण के लाभ की विस्तार से जानकारी दी गई और बताया गया कि घुटने में समस्या और बीमारी वाले मरीजों के लिए छूटने का पूरी तरह प्रत्यारोपण ही सबसे अच्छा और अंतिम उपाय है, जिसके बाद इसके लिए वह तैयार हो गई.मैक्स हॉस्पिटल, वैशाली के ऑर्थोपेडिक्स एंड जॉइट रिप्लेसमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर डॉक्टर अखिलेश यादव ने इसे लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि हाल ही में उनका बाइलेटरल टोटन नी रिप्लेसमेंट किया गया और इसके बाद से यह पूरी तरह स्वस्थ है. हम हमेशा ही जाइट पेन की समस्या वाले मरीजों का उपचार बगैर ऑपरेशन की प्रक्रिया जैसे दवा, फिजियोथेरेपी व्यायाम और सावधानियों के माध्यम से करने का प्रयास करते है हालांकि जिन रोगियों की हालत गंभीर होती है और नॉन ऑपरेटिव मेस से अच्छीप्रतिक्रिया नहीं मिलती मिनिमली इनवेसिव टोटल नी रिप्लेसमेंट सर्जरी बड़ी राहत है इसी तरह का मामला कर सात के डॉक्टर प्रदीप पांडेय का भी था जो दोनों घुटनों में गंभीर दर्द जरूरी दैनिक क्रियाकलाप में कमी और पुराने ऑटोराइटिस के कारण दिव्यांगता की शिकायत के साथ मैक्स हॉस्पिटल वैशाली पहुंचे थे. उनके दोनों घुटनों का हाल ही में सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया और अब वे भी सामान्य जीवन जी रहे हैं।डॉ. अखिलेश यादव ने आगे कहा, स्टोटन नी रिप्लेसमेंट के क्षेत्र में हुए एडवासमा मरीजों के लिए वरदान बन गए है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जिनका नी आर्थराइटिस की वजह से चलना फिरना बंद हो गया है इस तरह की समस्याए अक्सर मरीज की लापरवाही के कारण उत्पन्न होती है. शुरुआत में जोड़ों का दर्द उतना परेशान नहीं करता है लेकिन समय के साथ हालात बिगड़ते चले जाते हैं और दर्द बढ़ता जाता है इसके बाद ही मरीज मेडिकल ट्रीटमेंट खोजते है नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के क्षेत्र में हुए हालिया एडवांसमेंट के साथ ही एकानिक सर्जिकल टेक्निक है जो एक्यूरेसी के स्तर को तक बढ़ा देती है और इंप्टेड जॉइंट्स की लंबी उम्र के साथ ही बेहतर तरीके से काम करने में भी सुधार करती है यह प्रक्रिया न केवल मरीजों को एक स्थिर, दर्द रहित और मूवमेंट करने वाला जॉट देती है, बल्कि उनके जीवन की समग्र गुणवत्ता में भी सुधार करती है. इस अवसर पर में समय पर स्क्रीनिंग और जॉइट संबंधी समस्याओं की जल्द पहचान करने पर जोर देना चाहूंगा विशेष रूप से 55 साल की उम्र के बाद”नी रिप्लेसमेंट को इन मिनिमली इस टेक्निक्स में अस्पताल में कम समय रहने की जरूरत होती है और तेजी से रिकवरी के साथ हीमरीज को अधिक संतुष्टि मिलती है कई साल से बड़ी तादाद में इस तरह के मरीजों की मैक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल वैशाली मेंसफलतापूर्वक जॉइट रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई है जो इसका प्रमाण है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






