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झांसी जिला कारगार : संदेह के घेरे में, 34 पन्ने की जांच रिपोर्ट में तत्कालीन जेलर कस्तूरी लाल सहित कईयों पर भ्रष्टाचार फैलाने का आरोप, एक वर्ष पूर्व हुई बंदी की मौत की जांच रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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झांसी। जेल में बंद बंदियों के साथ सुविधा शुल्क न मिलने पर उनका उत्पीड़न करने जैसे कई आरोप झांसी जेल प्रशासन पर लगते रहते है। लेकिन पांच वर्ष पूर्व हुई एक बंदी की आत्महत्या प्रकरण की चल रही जांच में 34 पन्ने की जांच रिपोर्ट में झांसी जेल के तात्कालीन जेलर कस्तूरी लाल, डिप्टी जेलर रामनाथ मिश्रा, डिप्टी जेलर जगवीर सिंह चौहान पर राइटर से संबंधित पैसे को लेकर दबाव बनाने प्रताड़ित करने ओर आत्महत्या के लिए प्रेरित करने जैसे प्रतीत होता है। साथ ही जांच रिपोर्ट में जेल प्रशासन द्वारा राइटर बनाने के लिए बंदियों से पैसे लेने, अनावश्यक जवाब बनाने, मारपीट करने जैसे आरोप सामने आए है। इस जांच रिपोर्ट के साथ आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने शासन को पत्र भेजकर कार्यवाही की मांग की है।

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने शासन को लिखे पत्र से अवगत कराते गुरबत कि तीस सितंबर 2024 को ग्राम टिकरी थाना मऊ रानीपुर झांसी निवासी करण सिंह कुशवाह की झांसी जेल में संदिग्ध स्थिति में आत्महत्या की थी। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि इस मामले की जांच कर रही मुख्य न्यायाधीश किशोर बोर्ड झांसी हर्षिता सिंह द्वारा की गई थी। उन्होंने 34 पन्ने की अपनी जांच रिपोर्ट 20 जनवरी 2025 को यहां निष्कर्ष निकाला कि झांसी जिला कारगार के डिप्टी जेलर कस्तूरी लाल गुप्ता, डिप्टी जेलर रामनाथ, जगबीर सिंह द्वारा राइटर से संबंधित पैसे को लेकर दबाव बनाने, प्रताड़ित करने ओर आत्महत्या के लिए विवश करने के कारण होना प्रतीत होता है। साथ ही जांच में जेल प्रशासन द्वारा राइटर बनाने के लिए बंदियों से पैसे लेने अनावश्यक जवाब बनाने, मारपीट करने आरोप सामने आए है। मुख्य न्यायधीश हर्षिता सिंह ने कहा था कि जेल में कुछ तो दुर्गंध है। अमिताभ ठाकुर ने इस मामले में कार्यवाही की मांग की है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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